केंद्र के नए कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों के एक दिन के उपवास के समर्थन में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के अनेक जिलों में प्रदर्शन किया। कई स्थानों पर उन्हें हिरासत में भी लिया गया। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने यहां जारी एक बयान में कहा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने सभी जिलों में शांतिपूर्ण धरना दिया। पुलिस ने हालांकि बर्बर लाठीचार्ज किया और पार्टी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर अखिलेश ने कहा, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को रोककर भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। भाजपा सरकार के अत्याचारों के बावजूद, पार्टी ‘सड़क से सदन’ तक अपना विरोध जारी रखेगी।’’ उन्होंने कहा, ”2022 में सपा की सरकार बनने के बाद हम किसानों के हित में कार्य करेंगे और उन्हें उचित सम्मान और सुरक्षा मिलेगी।”
इस संदर्भ में बातचीत करने पर अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार पे कहा, पुलिस सुनिश्चित कर रही है कि शरारती तत्व किसान आंदोलन में घुसपैठ ना करें। हम किसान नेताओं के संपर्क में हैं और किसी को भी राज्य की कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का अवसर नहीं दिया जाएगा।
सपा मुख्यालय से जारी बयान के अनुसार नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने पुलिस द्वारा घर में नज़र बंद किए जाने का विरोध करते हुए किसानों के समर्थन में गौतमपल्ली लखनऊ, स्थित अपने आवास के बाहर धरना दिया। सीतापुर में एमएलसी आनंद भदौरिया, हरदोई में राजपाल कश्यप, उन्नाव में सुनील सिंह साजन, प्रयागराज में रामबृक्ष यादव सहित कई प्रमुख नेताओं को पुलिस ने गिरफ़्तार किया।
राजधानी लखनऊ के कैसरबाग इलाके में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। सपा कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। महिला कार्यकर्ताओं समेत पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सपा के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने बताया, ‘‘समाजवादी पार्टी किसानों की मांगों का समर्थन करती है और उसकी सहानुभूति किसानों के साथ है। समाजवादी पार्टी की किसान यात्रा सात दिसंबर को आरंभ हुई थी और आज 14 दिसंबर को पार्टी के कार्यकर्ताओं का धरना प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर है। पार्टी के बहुत से नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है।’’
आगरा में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हल्का बल प्रयोग किया। गोरखपुर में पुलिस ने सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को उस समय हिरासत में ले लिया जब सोमवार को वे नगर निगम परिसर में धरना प्रदर्शन करने जा रहे थे। सपा के जिला अध्यक्ष राम नगीना साहनी और पूर्व अध्यक्ष जियाउल इस्लाम को हिरासत में लिया गया। साहनी ने कहा, ‘‘पुलिस और सरकार शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन का संवैधानिक अधिकार छीन रही है। फर्जी मुकदमे लगाये जा रहे हैं और हमें धरना प्रदर्शन नहीं करने दिया जा रहा है।
गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगेंद्र कुमार ने बताया, ‘‘जिले में धारा 144 पहले से लागू है और महामारी के कारण बिना सामाजिक दूरी के एक स्थान पर लोगों का एकत्र होना सुरक्षित नहीं है। प्रदर्शन से पहले लोगों को मजिस्ट्रेट से इजाजत लेनी होगी, फिर कोई आपत्ति नहीं है।’’ फतेहपुर से मिली खबर के अनुसार जिले में नए कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए सपा के 152 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने देर शाम रिहा कर दिया।
जिले के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजेश कुमार ने बताया कि फतेहपुर जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सोमवार को सपा के 152 स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया था, जिन्हें देर शाम निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। समाजवादी पार्टी के फतेहपुर जिला अध्यक्ष विपिन सिंह यादव ने कहा था, ‘‘करीब डेढ़ सौ सपा कार्यकर्ता नहर कालोनी परिसर में जुटे और धरना पर बैठ गये थे, जिन्हें पुलिस ने जबरन हिरासत में ले लिया।