तीन कृषि कानूनों के लागू होने पर शुरू हुई सियासत उनके रद्द होने के ऐलान के बाद भी जोरों पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कृषि कानून वापस लिए जाने का ऐलान के बाद राजनीतिक जगत से तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस ऐलान के बाद केंद्र सरकार से पूछा कि उनकी इस बात पर भरोसा कैसे किया जाए?
प्रियंका गांधी ने लखनऊ में बोलते हुए कहा कि वह (केंद्र सरकार) ऐसा क्यों कर रही है? क्या देश यह नहीं समझ रहा है कि चुनाव नजदीक आ रहे हैं और उन्हें पता है कि उनकी स्थिति ठीक नहीं है। वे सर्वेक्षणों में देख सकते हैं कि उनकी स्थिति क्या है। इसलिए, वे चुनाव से पहले माफी मांगने आए हैं।
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उन्होंने कहा, सरकार के नेताओं ने किसानों को क्या नहीं कहा? ‘आंदोलनजीवी’, गुंडे, आतंकवादी, देशद्रोही, किसानों को इन नामों से किसने बुलाया? जब यह सब कहा जा रहा था तो पीएम चुप क्यों थे? प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए प्रियंका ने कहा, उन्होंने खुद ‘आंदोलनजीवी’ शब्द का उच्चारण किया था।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, जब किसान मारे जा रहे थे, डंडों का इस्तेमाल किया जा रहा था और उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा था – यह कौन कर रहा था? आपकी सरकार। आज आप कहते हैं कि कानून निरस्त कर दिए जाएंगे। हम आप पर कैसे भरोसा करेंगे? मुझे खुशी है कि सरकार समझ गई कि इस देश में किसानों से बड़ा कोई नहीं है।