प्रवासी मजदूरों को लेकर सियासत जारी है। सोमवार को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर आरोप लगया कि प्रवासी श्रमिकों की रोजी और पुनर्वास के लिये केवल कागजी फाइलें चला रही है। अखिलेश ने कहा भाजपा सरकार ने श्रमिकों के सुख-दु:ख एवं पुनर्वास के मामले में घोर अक्षमता प्रदर्शित कर रही है। श्रमिक भूखे-प्यासे सैकड़ किलामीटर पैदल चल रहे है। उनके खाने-पीने की व्यवस्था के सरकारी दावे झूठे साबित हो रहे हैं। जो श्रमिक दूसरे राज्यों से आ गए हैं उनकी रोजी और पुनर्वास के मामले में भी अभी केवल कागजी फाइलें चलाई जा रही हैं। ठोस में कुछ भी नहीं हो रहा है।
अखिलेश ने कहा श्रमिकों को जब बासी खाना दिया गया तो उन्होंने उसे फेंक दिया। हरदोई, चंदौली, मिर्जापुर स्टेशनों पर बदइंतजामी से परेशान श्रमिकों ने हंगामा किया। शाहजहांपुर में लुधियाना से सीतापुर जा रहे पांच यात्री चलती ट्रेन से कूद गए। कई जगह भूखे लोगों ने छीना-झपटी भी की। अखिलेश ने कहा सरकारी अमले की नींद उस समय टूटी जब पूर्व सांसद डिम्पल यादव ने श्रमिकों की बदहाली और सरकारी उपेक्षा से क्षुब्ध होकर स्वयं राहत पहुंचाने की मुहिम सम्हाली। उनके द्वारा तपती दोपहरी की बिना परवाह किये कई दिन से एक्सप्रेस-वे और अयोध्या मार्ग पर बसों में भूखे-प्यासे श्रमिकों को भोजन और पानी वितरित किया जा रहा है। कामगारों ने इसके लिए उनका बार-बार आभार व्यक्त किया। इन श्रमिकों को रास्ते में भी कुछ नहीं मिला था।
अखिलेश ने कहा कोरोन संकट से निपटने के लिए सरकार की न कोई रणनीति है और न नियत। जिस तरह से सरकार ने श्रमिकों की अनेदखी की गई, वैसे ही आम नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश में 70 हजार से ज्यादा बसों का बेड़ है। सरकार की नियत ठीक होती तो बहुत पहले ही श्रमिकों को बिना तबाह किये उनके घरों पर पहुंचा दिया होता। सपा अध्यक्ष ने ईद के मौके पर आज ईदगाह जाकर इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगीमहल साहब और टीलेवाली मस्जिद पहुंचकर इमाम मौलाना सैय्यद फत्रलू मन्नान रहमानी साहब से मुलाकात कर उन्हें ईद की मुबारकवाद दी। उन्होंने सभी की सलामती और अमनचैन की दुआ की। उलेमाओं ने बताया कि इस बार ईद की नमाज समूह के बजाय घरों में अदा की गई। लोगों ने लॉकडाउन का पालन किया फोन से अपने रिश्तेदारों मित्रों को मुबारकवाद दी।