समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर केवल चुनाव जीतने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने एनआरसी/एनपीआर और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में पार्टी मुख्यालय से विधानभवन तक सपा विधायकों की एक रैली को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि बीजेपी धर्म के आधार पर नागरिकता देना चाहती है जो संविधान के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिये तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्व और असम के लोग भी नागरिकता संशोधित कानून से नाखुश हैं। अखिलेश यादव ने दावा किया कि बीजेपी सीएए और एनआरआई के नाम पर देश के लोगों में भय फैला रही है। सपा प्रमुख ने कहा कि सभी विवरण पहले से ही आधार कार्ड में प्रदान किए गए हैं तो फिर पूरे देश में एनपीआर करने की आवश्यकता क्या है।
सपा विधायक तख्तियां लटकाकर संसद द्वारा पारित 126 वें संशोधित संविधान को मंजूरी देने के लिए मंगलवार सुबह विशेष सत्र में शामिल होने के लिए लगभग एक किमी की दूरी तय करके विधानसभा पहुंचे। विधायको ने एनआरपी, एनआरसी और सीएए के खिलाफ नारे लगाये। विधायकों को सुरक्षा कारणों से कुछ समय के लिए विधानभवन में प्रवेश करने से रोक दिया गया था और उनकी पूरी पहचान के बाद अनुमति दी गई।
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अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ है और केंद्र के इन कदमों का विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था चौपट है। सरकार इस मामले कोई प्रभावी कदम उठाने में विफल रही है। बैंकिंग क्षेत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। प्रदर्शन ने देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार के अवसर पैदा करने में नाकाम रही है।