केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते की नई किस्तों पर एक जुलाई 2021 तक के लिए रोक लगा दी है। सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम के बाद विपक्षी लगातार हमलावर हैं । इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर कर्मचारियों को हतोत्साहित करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि सरकार को सरकारी कर्मिचारियों तथा पेंशनर्स को मिलने वाले महंगाई भत्ते पर लगायी गयी रोक के फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए। सपा अधयक्ष ने कहा कि अधिकारी और कर्मचारी अपनी जान पर खेलकर सामान्य दिनों से कई गुना अधिक काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि पेंशन पर निर्भर रहने वाले बुजुर्गों के लिए सरकार का यह निर्णय घातक है।
सरकारी सेवकों के DA पर पाबंदी का फैसला सरकार तुरंत वापस ले. एक तरफ़ बिना अवकाश लिए अधिकारी-कर्मचारी लोग अपनी जान पर खेलकर सामान्य दिनों से कई गुना काम कर रहे हैं, दूसरी तरफ़ सरकार उन्हें हतोत्साहित कर रही है. पेंशन पर निर्भर रहनेवाले बुजुर्गों के लिए तो ये और भी घातक निर्णय है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 25, 2020
सपा अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा कि ‘‘सरकारी सेवकों के डीए पर पाबंदी का फैसला सरकार तुरंत वापस ले। एक तरफ बिना अवकाश लिए अधिकारी-कर्मचारी लोग अपनी जान पर खेलकर सामान्य दिनों से कई गुना काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार उन्हें हतोत्साहित कर रही है। पेंशन पर निर्भर रहनेवाले बुजुर्गों के लिए तो ये और भी घातक निर्णय है।’’
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गौरतलब है कि कोरोना से लड़ाई में वित्तीय इंतजाम के लिए सरकार ने 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते (डीए) की बढ़त्तरी पर रोक लगा दी है। इस दौरान कर्मचारियों तथा पेंशनर्स को मिलने वाले डीए में किसी प्रकार की बढ़त्तरी नही होगी।