समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर केंद्र सरकार को घेरते हुए इसे भारत और संविधान का अपमान बताया है। सपा नेता यादव ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘ना किसान की आय दोगुनी हुई, ना गंगा साफ़ हुई, ना अर्थव्यवस्था में सुधार लाए, ना काला धन वापस लाए, ना नौकरियां लाए, ना बेटियों को बचा पाए, ना विकास कर पाए, मैंने पहले कहा था: इनकी राजनीति ध्यान हटाने और समाज बांटने की है। नागरिकता संशोधन विधेयक भारत का और संविधान का अपमान है।”
ना किसान की आय दुगनी हुई
ना गंगा साफ़ हुई
ना अर्थव्यवस्था में सुधार लाए
ना काला धन वापस लाए
ना नौकरियाँ लाए
ना बेटियों को बचा पाए
ना विकास कर पाए
मैंने पहले कहा था: इनकी राजनीति ध्यान हटाने और समाज बाँटने की है. #CitizenshipBill भारत का और संविधान का अपमान है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 9, 2019
विपक्ष के तीखे विरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में आज नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पेश किया जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बंगलादेश से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने वाले हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग आदि विपक्षी दलों ने इस विधेयक को धार्मिक आधार पर नागरिकता तय करके संविधान की मूल भावना को आहत करने का आरोप लगाया और कहा कि इससे संविधान के अनुच्छेद पांच, दस, 14, 15, 25 एवं 26 का उल्लंघन होता है।