केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में हिरासत में लिये समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत पार्टी के अनेक कार्यकर्ताओं को सोमवार देर शाम रिहा कर दिया गया। पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ शांति भंग करने और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है ।
लखनऊ के पुलिस आयुक्त डी के ठाकुर के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, ‘‘अखिलेश यादव द्वारा सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन कर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बंदरियाबाग चौराहे पर धरना प्रदर्शन किया गया एवं वे सड़क पर बैठ गये जिससे आमजन का आवागमन अवरूद्ध हुआ। इस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (किसी लोक सेवक द्वारा जारी आदेश को न मानना) व महामारी अधिनियम के तहत उन्हें हिरासत में लेकर इको गार्डन भेजा गया । इसके साथ (पार्टी के) अनेक पदाधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही की गयी ।”
बयान के मुताबिक, ”शाम को अखिलेश यादव को इको गार्डेन से घर भेज दिया गया । विभिन्न क्षेत्रों से कानून व्यवस्था बिगाड़ने के मामले में शामिल कुल 28 लोगों के विरूद्ध सीआरपीसी की धारा 151 तहत कार्यवाही की गयी एवं देर शाम शांति भंग न करने की चेतावनी के साथ उन्हें रिहा कर दिया गया ।
पुलिस आयुक्त डी के ठाकुर से पूछा गया कि क्या अखिलेश यादव के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है तो उन्होंने इसपर कोई टिप्पणी नहीं की।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने सोमवार को प्रदेश भर में किसान यात्रा निकालने का ऐलान किया था। सपा प्रमुख यादव को कन्नौज में किसान यात्रा में शामिल होना था। लेकिन कन्नौज के जिलाधिकारी ने धारा 144 और कोविड-19 के दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए उनके कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी।
साथ ही कन्नौज के जिलाधिकारी ने लखनऊ पुलिस से अनुरोध किया कि यादव को लखनऊ से न आने दिया जाए। रात में पुलिस ने बैरिकेडिंग करते हुए यादव के घर के आसपास और सपा कार्यालय के पास का इलाका सील कर दिया था। यादव के घर और समाजवादी पार्टी के दफ्तर की ओर जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। सुबह जैसे-जैसे सपा के नेता और कार्यकर्ता पहुंचने लगे तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए एक-एक कर लोगों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया था।