प्रदूषण की वजह से गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के स्कूल चार नवंबर और पांच नवंबर को भी बंद रहेंगे। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि आदेश 12वीं कक्षाओं तक के स्कूलों पर लागू होगा। गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद प्रशासन ने कहा कि यह फैसला दीवाली के बाद से वातावरण में पीएम10 और पीएम 2.5 के बढ़े स्तर और उसकी वजह से खराब हुई हवा की गुणवत्ता की वजह से लिया गया है।
गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने लिखित आदेश में कहा, “बच्चों को स्कूल ले जाने में इस्तेमाल होने वाले वाहनों से बड़ी मात्रा में पीएम2.5 और पीएम10 का उत्सर्जन होता है तथा ऐसे वाहनों के परिचालन से स्थिति और खराब होगी। इसलिए गौतमबुद्ध नगर जिले में 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को चार नवंबर और पांच नवंबर को भी बंद रखने का फैसला किया गया है।”
प्रदूषण से बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले असर को रेखांकित करते हुए गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने भी इसी तरह का आदेश जारी किया है। उल्लेखनीय है कि रविवार 10 बजकर 35 मिनट पर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 487 और ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 470 रहा। दोनों ही इलाकों में यह ‘ गंभीर’ श्रेणी में है जिससे लोगों की सेहत, खासतौर पर मरीजों की सेहत पर गंभीर असर पड़ेगा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक रविवार दोपहर एक बजकर 35 मिनट पर गाजियाबाद के इंदिरापुरम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 492 और राजनगर में 480 दर्ज किया गया। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की ओर से अधिकृत पैनल ने गंभीर हालात से निपटने के लिए शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में जन स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा करते हुए सभी निर्माण कार्यों और पटाखा जलाने पर रोक लगा दी थी।