BREAKING NEWS

IPL 2023 CSK vs GT: चेन्नई ने गुजरात को 5 विकेट से हराकर जीता 5वां IPL खिताब, जडेजा ने पलटा मैच आखिरी दो गेंद पर 10 रन बनाए◾ गोवा मना रहा 36 वा स्थापना दिवस, CM प्रमोद सावंत ने दी बधाई ◾Karnataka: बस और कार की जोरदार टक्कर, दो बच्चों समेत 10 की मौत◾चुनावी वादे पूरा करना हमारी सरकार की जिम्मेदारी : मंत्री सतीश झरकीहोली◾राजस्थान कांग्रेस में उठापटक के बीच खड़गे व राहुल ने की गहलोत के साथ बैठक◾वंदे भारत ट्रेन पीएम मोदी के 'परिवहन के माध्यम से परिवर्तन' लक्ष्य को साकार करने में मदद करेगी - सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ◾मणिपुर हिंसा मामले में कई घरों में आग लगाने के आरोप में 22 गिरफ्तार◾हवाई हमले की चेतावनी खत्म होने के बाद कीव को राहत◾आज भारत को कोई टेढ़ी नजर से नहीं देख सकता - सीएम योगी◾बंद कमरे में Vladimir Putin से मिले बेलारूसी राष्ट्रपति, बाहर आते ही बिगड़ी हालत, अफवाहें- दिया गया जहर!◾पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के इकलौते विधायक बायरन बिस्वास ने थामा TMC का हाथ◾पूर्व MCD पार्षद को गलत तरीके से आरोपी बनाने पर कोर्ट ने ACP को पेश होने का आदेश ◾दिल्ली शाहबाद डेयरी में नाबालिग की लड़की हत्या का आरोपी उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर से गिरफ्तार◾Karnataka Politics: मंत्री पद न मिलने पर लक्ष्मण सावदी बोले, राजनीति में कोई साधु नहीं होता◾सीबीआई ने भारत के शीर्ष कार्यकारी रोल्स रॉयस के खिलाफ दर्ज किया मामला◾शिवराज सिंह चौहान बोले- मध्य प्रदेश में भाजपा 200 से ज्यादा सीटें जीतेगी ◾एक बार फिर तिहाड़ जेल में कैदियों के बीच खूनी झड़प, कैदी ने राहुल पर ताबड़तोड़ चाकू और टाइल से किया हमला◾पहलवानों के समर्थन में आईं मायवती, बोलीं, बेटियों को न्याय दिलाने के लिए केन्द्र सरकार आए आगे ◾सिंगापुर के मंत्री किम योंग से मिले केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जानिए क्या हुई खास बात चीत◾CM योगी ने विधान परिषद उपचुनाव में डाला वोट,आज शाम तक होगी नतीजों की घोषणा◾

धर्म परिवर्तन पर इलाहाबाद HC ने UP सरकार को भेजा नोटिस, 5 अक्टूबर को होगी सुनवाई

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश धर्म के गैरकानूनी धर्मांतरण निषेध अधिनियम, 2021 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी की अगुवाई वाली पीठ ने सोमवार को याचिका को अन्य लंबित याचिकाओं के साथ टैग किया और इसे तीन सप्ताह के बाद के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

धर्मांतरण कानून के खिलाफ पहले ही दो जनहित याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। नई याचिका समेत सभी याचिकाओं पर अब अगली सुनवाई में सुनवाई होने की उम्मीद है। याचिका आनंद मालवीय (याचिकाकर्ता) द्वारा अधिवक्ता शादान फरासत और तलहा अब्दुल रहमान के माध्यम से दायर की गई थी। मालवीय, एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी है, जिन्होंने भारत सरकार के राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय में वरिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी के रूप में कार्य किया था।

उन्होंने तर्क दिया कि कानून संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के खिलाफ है और पसंद की स्वतंत्रता और धर्म की स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है। उन्होंने प्रस्तुत किया कि कानून, अनिवार्य रूप से, वर्तमान संवैधानिक स्थिति को नकारने का प्रयास करता है, और विभिन्न धर्मों से संबंधित व्यक्तियों को शादी करने से पहले राज्य से 'अनुमति' लेने के लिए मजबूर करता है।

याचिका में कहा गया है कि यह अधिनियम सांप्रदायिकता की आग को भड़काने का एक छोटा-सा प्रच्छन्न प्रयास है, और समाज को जातीय और धार्मिक आधार पर विभाजित करने का प्रयास है। याचिकाकर्ता ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि अंतर-धार्मिक विवाह के मामले सामने आने के बाद कानपुर में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया, लेकिन कोई बड़े पैमाने पर साजिश नहीं मिली।

एसआईटी को 'लव जिहाद' की कोई बड़े पैमाने पर साजिश नहीं मिली। विडंबना यह है कि राजपत्रित के रूप में अधिनियमित फुटनोट टेक्स्ट में अध्यादेश को 'लव जिहाद' के रूप में संदर्भित किया गया है। यह रिकॉर्ड की बात है कि एसआईटी जांच नहीं हुई इस बात का कोई ठोस सबूत ढूंढे कि आरोपी ने साजिश के तहत संगठित तरीके से काम किया है। इस मामले से जुड़ी अन्य याचिकाओं के साथ 5 अक्टूबर को फिर से सुनवाई होगी।

हिंदी दिवस : PM मोदी बोले-वैश्विक मंच पर लगातार अपनी मजबूत पहचान बना रही है हिंदी