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आनंदीबेन पटेल ने कही- ‘शिक्षा का मतलब सिर्फ अवार्ड और मेडल प्राप्त करना नहीं’

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल पुरस्कार और पदक प्राप्त करना नहीं है। विद्यार्थियों में देश सेवा की भावना भी होनी

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल पुरस्कार और पदक प्राप्त करना नहीं है। विद्यार्थियों में देश सेवा की भावना भी होनी चाहिए और संवेदनशीलता भी। पटेल मंगलवार को एरा विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में बोल रही थी। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गयी ‘डिपार्टमेंट ऑफ हैपीनेस’ कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब हम किसी की मदद करते हैं, किसी के जीवन में खुशियां लाने का प्रयास करते हैं, जब हमारे द्वारा किये गये कार्यों से कोई संतुष्ट और सुखी होता, वही सही मायने में हमारे लिए हैपीनेस (प्रसन्नता) वाला पल होता है। राजभवन की ओर से जारी बयान के मुताबिक दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने मोटे अनाज के महत्व को बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से इनके लाभकारी होने के कारण आज दुनियाभर में इसकी मांग बढ़ी है।
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स्वास्थ्य बनाए रखने में काफी सहायक होते हैं
भारत की पहल पर इस वर्ष को संयुक्त राष्ट्र ने ‘‘अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023‘‘ घोषित किया है, जो मानवता को भारत का अमूल्य उपहार है। श्री अन्न में प्रोटीन, आहार फाइबर और अच्छी गुणवत्ता वाले पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, जो बेहतर स्वास्थ्य बनाए रखने में काफी सहायक होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में योग और मिलेट दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर इसके प्रयोग के लाभ और व्यंजनों का प्रचार-प्रसार कराने को कहा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय के छात्रावास में कम से कम सप्ताह में दो दिन विद्यार्थियों को मोटे अनाज से बनी खाद्य वस्तुएं देने की व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे कि उन्हें स्वस्थ रखा जा सके।
वातावरण तैयार करने पर जोर दिया गया है
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भी मरीजों को मोटे अनाज से बनी वस्तुएं खाने के लिए देनी चाहिए। उन्होंने उच्च शिक्षा में नई राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता को बताते हुए कहा कि इससे देश में रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं के लिए प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण तैयार करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने इस दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने विश्वविद्यालय को अनुसंधान को बढ़ाने का भी सुझाव दिया।

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