कृषि कानून के खिलाफ किसान का आंदोलन पिछले 2 महीने से जारी है। किसान इस कानून को वापस लेने की मांग पर लगातार अडिग है। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के समर्थक शुक्रवार को दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेसवे पर फिर से एकत्र होने लगे और वहां किसानों की भीड़ बढ़ने लगी। हालांकि, गाजियाबाद प्रशासन ने यूपी गेट प्रदर्शन स्थल खाली करने का अल्टीमेटम दिया है जहां बड़ी तादाद में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि कल बागपत में पंचायत करने के बाद हम दिल्ली कूच करेंगे। किसानों पर जो राजनीति हो रही है उस पर पंचायत में चर्चा करेंगे। बता दें कि केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-उत्तरप्रदेश की सीमा पर गाजीपुर में भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में हो रहे प्रदर्शन के समर्थन में हजारों किसानों ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में एक महापंचायत में हिस्सा लिया।
गाजीपुर में बीकेयू के नेता राकेश टिकैत के रोने और वहां दो महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों को स्थानीय प्रशासन द्वारा जबरन हटाने की आशंकाओं के एक दिन बाद पश्चिम उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में भारी संख्या में लोग एकजुट हुए। गाजीपुर में बृहस्पतिवार की घटना के बाद महापंचायत बुलाने वाले राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने उत्तेजित भीड़ से कहा कि वे दिल्ली बॉर्डर की तरफ कूच करें जो यहां से करीब 100 किलोमीटर दूर है।
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई अराजकता को देखते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को वहां शांतिपूर्ण तरीके से जाना चाहिए और बड़े जत्थे के बजाए छोटे समूहों में जाना चाहिए। महावीर चौक के पास जीआईसी मैदान खचाखच भरा हुआ था। लोग गाजीपुर में यूपी गेट पर प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए एकजुट हुए थे। शहर की सड़कों पर सैकड़ों ट्रैक्टरों पर तिरंगा और किसान संगठनों के झंडे लहरा रहे थे। इस कारण यातायात बाधित रहा।
क्षेत्र के किसानों के मुजफ्फरनगर सम्मेलन को देखते हुए राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के प्रमुख अजित सिंह ने भी बीकेयू को समर्थन दिया और उनके पुत्र जयंत चौधरी ने भी महापंचायत में हिस्सा लिया। जयंत चौधरी ने कहा, ‘‘लाठी से देश नहीं चल सकता, सरकार का एक इकबाल होता है जो उसने खो दिया है।’’