विश्व हिंदू सेना के अध्यक्ष अरुण पाठक ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर एक विवादित बयान दिया है। वाराणसी में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पोस्टर चिपकाने के मामले में कथित तौर पर तीन महीने से फरार चल रहे पाठक ने फेसबुक और ट्विटर पर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का सिर कलम करने वाले को 51 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। पाठक भेलूपुर थाने में दर्ज मामले में वांछित है लेकिन पुलिस उसका पता नहीं लगा पाई है।
अरुण पाठक ने फेसबुक और ट्विटर पर लिखा कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का सिर कलम करने वाले को 51 लाख का इनाम दिया जाएगा।साथ ही उन्होंने ट्वीट कर कहा कि नारायण राणे की अस्थियों को काशी में विसर्जित नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा यह बालासाहेब ही थे जिन्होंने नारायण राणे को शिव सैनिक बनाया और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए, राणे ने बालासाहेब के बेटे पर हमला किया। इस बीच, वरिष्ठ अधिकारियों ने घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
जानिए क्या है पूरा मामला
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा था कि ‘‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हुए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछताछ करते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे पहले शिवसेना में थे, जो बाद में कांग्रेस में आ गये और फिर, 2019 में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।
राणे ने दावा किया कि 15 अगस्त को जनता को संबोधित करते समय ठाकरे यह भूल गए थे कि आजादी को कितने साल पूरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाषण के बीच में वह अपने सहयोगियों से पूछ रहे थे कि स्वतंत्रता दिवस को कितने साल हुये हैं।