उत्तर प्रदेश के लखीमपुर हिंसा मामले में मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटा आशीष मिश्रा को एक बार फिर अदालत से राहत नहीं मिली है। जिला जज ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। आशीष मिश्रा के साथ ही मामले के सह आरोपी आशीष पांडे, लवकुश राना की जमानत पर भी सोमवार को सुनवाई हुई।
इसके बाद दिन में दो घंटे तक बहस के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। शाम में जिला जज मुकेश मिश्रा ने केस डायरी, अभियोजन की ओर से पेश किए गए साक्ष्यों को देखने के बाद जमानत याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया।
तीन अक्टूबर को घटी थी वारदात
याद रहे कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक झड़प में चार किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी। घटना के बाद इस वारदात के कई वीडियो सामने आए थे। इनमें एक थार जीप कुछ किसानों को रौंदते हुए बढ़ती दिख रही है। यह थार जीप मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा की थी। किसानों की ओर से आशीष मिश्रा को इस पूरी वारदात का मुख्य आरोपी बनाया गया है।
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किसानों के आक्रोश में भारी जनदबाव के बीच पुलिस ने आशीष मिश्रा, सह आरोपी आशीष पांडेय और लवकुश राना समेत कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। अशीष मिश्रा और अन्य आरोपियों के असलहों की फोसेंसिक जांच भी कराई गई है।
पुलिस ने अदालत के समक्ष रखी एक फोटो एलबम
पुलिस ने इस मामले की केस डायरी और असलहा रिपोर्ट अदालत में पेश की। विवेचक की ओर से कोर्ट में पूरे मामले की रिपोर्ट और अन्य दस्तावेजों के साथ बैलिस्टिक रिपोर्ट भी पेश की गई। बचाव पक्ष की ओर से सलिल श्रीवास्तव, अवधेश दुबे, अवधेश सिंह और रामआशीष मिश्रा ने बहस की।
उन्होंने अदालत के सामने एक फोटो एलबम रखी। उन्होंने अदालत से फोटो देखने की अपील की। अभियोजन पक्ष की से जिला शासकीय अधिवक्त अरविंद त्रिपाठी ने अपना पक्ष रखा। इस पूरे मामले में कोर्ट में करीब दो घंटे तक बहस चली।