उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या विवाद की सुनवाई के 31वें दिन आज भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट पर मुस्लिम पक्षकार की आपत्तियों पर सवाल खड़ किये। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ ने कहा, ‘‘एएसआई की रिपोर्ट को लेकर जो आपत्ति आप यहां उठा रहे हैं, आपने ट्रायल के दौरान ये बातें कही नहीं।’’
न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि इस मुद्दे पर मुस्किल पक्षकार की दलीलें भी जोरदार और ठोस नहीं हैं, क्योंकि न्यायालय ऐसे मुद्दे पर जब विशेषज्ञों की कोई समिति बनाती है तो उसमें कोई भी कमी या गलती हो तो या तो अदालत उस बारे में बताये या फिर पक्षकार बतायें। तभी विशेषज्ञ उसका जवाब दे सकते थे।’’
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस रिपोर्ट को लेकर उस समय ऐसा कुछ नहीं हुआ था। मुस्लिम पक्षकारों की ओर से एएसआई की रिपोर्ट पर वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ आपत्तियां जता रही थीं, जो सुनवाई के दौरान अदालत के संज्ञान में नहीं लाई गईं थी।
न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, ‘‘पुरातत्व विभाग के अधिकारियों की रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर के तौर पर प्रक्रिया के अनुरूप थी, इस पर आपकी कोई आपत्तियां जायज नहीं हैं, क्योंकि पहली अपील में आपने आपत्ति नहीं जताई।’’ सुश्री अरोड़ ने कहा कि वह इस पर गुरुवार को जवाब देंगी।