नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को आहूत ‘भारत बंद’ का उत्तर प्रदेश में मिलाजुला असर दिखा। भारत बंद का विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दल समर्थन कर रहे हैं। प्रशासन किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद नजर आ रहा है।
राज्य की राजधानी लखनऊ में बंद का कोई खास असर नहीं दिख रहा है। वहीं प्रदेश के अन्य विभिन्न जिलों में बंद का कहीं कम, तो कहीं ज्यादा असर दिखाई दे रहा है। भारत बंद का समर्थन कर रही समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं की प्रदेश के विभिन्न जिलों में पुलिस के साथ तीखी झड़प हुई।
प्रदेश के बस्ती, बहराइच, गोरखपुर, चंदौली, सोनभद्र, इटावा तथा कुछ अन्य जिलों से सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प और नोकझोंक की खबरें मिली हैं। प्राप्त खबरों के अनुसार, बस्ती में पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया। कुछ स्थानों पर सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को घर में नजरबंद भी किया गया।
लखनऊ में सपा के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप, आनंद भदौरिया, सुनील साजन और आशु मलिक भारत बंद के समर्थन में विधान भवन परिसर में स्थित चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने बैठे।
भारत बंद का समर्थन कर रही कांग्रेस के प्रदेश मीडिया समन्वयक ललन कुमार ने बताया कि सरकार इस बंद को दबाने पर पूरी तरह उतारू है और राज्य के विभिन्न जिलों में देर रात से ही कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि गोरखपुर में बंद का समर्थन कर रहे प्रदेश महासचिव विश्व विजय सिंह समेत सैकड़ों कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए हैं। कुमार ने बताया कि आज़मगढ़ जिला अध्यक्ष प्रवीण सिंह और उपाध्यक्ष दिनेश यादव को नजरबंद कर दिया गया है जबकि ग़ाज़ीपुर शहर अध्यक्ष और चित्रकूट के जिला अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है। सहारनपुर और कानपुर नगर में भी कांग्रेस पदाधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है।
इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (राधे गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधे लाल यादव ने कहा कि सरकार किसानों की आवाज को दबाने के लिए भारत बंद को विफल करने के मकसद से हर हथकंडा अपना रही है। उन्होंने कहा कि भारत बंद को विफल बनाने के लिए उनकी यूनियन के कार्यकर्ताओं की भी धरपकड़ की गई है।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ के आह्वान का उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में कोई खास असर नहीं दिखा। ‘भारत बंद’ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं। मेरठ में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।
पुलिस ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, रालोद और सपा के कई नेताओं को नजरबंद कर दिया है। मेरठ में किसानों ने पूर्वाह्न करीब 11 बजे राजमार्ग पर चक्का जाम करना किया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। मेरठ में कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत किसान संगठनों ने मंगलवार को मुख्य मार्गों पर चक्का जाम कर दिया।
भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि मेरठ-करनाल राजमार्ग पर दबथुवा, मेरठ-बागपत रोड़ पर जानी खुर्द, मेरठ-पौडी राजमार्ग पर मवाना खुर्द, दिल्ली-दून बाइपास पर जटौली कट और भूडबराल चौराहे पर भाकियू के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं एवं किसानों ने चक्का जाम कर दिया। इस दौरान मुख्य मार्गों एवं राजमार्गों पर यातायात ठप होने से लोग परेशान हो गए।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मंडल अध्यक्ष रामवीर सिंह ने बताया कि उनके संगठन ने मवाना में जाम लगाया है। भाकियू (तोमर गुट) के प्रवक्ता सुशील पटेल ने बताया कि छोटा मवाना में पौड़ी राजमार्ग बाधित किया जा रहा है। भारतीय किसान आंदोलन के अध्यक्ष कुलदीप त्यागी ने बताया कि गढ़ रोड पर गांव दतावली गेट स्थित यासीन कोल्ड स्टोर के सामने जाम लगाया गया है।
मेरठ के बाजारों में बंद का असर नहीं दिखा और दुकानें खुली रहीं। बाजारों में पुलिस बल लगातार गश्त कर रहे हैं। इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता हरिकिशन आंबेडकर के अनुसार, पुलिस ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष अवनीश काजला को सोमवार देर रात नज़रबन्द कर दिया।