काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान फैकल्टी में अल्पसंख्यक प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध के बीच गुरुवार को अन्य विभागों के छात्र फिरोज खान के समर्थन में उतर आए। वहीं, विश्वविद्यालय के होलकर भवन के बाहर संस्कृत के छात्रों का प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है।
बीच बीएचयू चांसलर न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय ने कहा, छात्रों द्वारा लिया गया स्टैंड गलत है। महामना (BHU के संस्थापक, मदन मोहन मालवीय) की सोच व्यापक थी। यदि वह जीवित होते, तो निश्चित रूप से नियुक्ति का समर्थन करते। वहीं बीएचयू फिरोज खान की नियुक्ति के फैसले को वापस नहीं लेगा।
चीफ प्रॉक्टर ओपी राय ने कहा कि विश्वविद्यालय ने नियमों का पालन किया। फैसला वापस लेने का कोई सवाल नहीं है। छात्रों ने जो किया वो करने का उन्हें अधिकार है। दूसरी तरफ फिरोज खान की नियुक्ति का विरोध कर रहे छात्रों ने धमकी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के छात्रों ने पोस्टर पर वी आर विद यू फिरोज खान, संस्कृत किसी की जागीर नहीं जैसे पोस्टर के साथ मार्च निकाला। शोध छात्र विकास सिंह ने बताया कि महामना के मूल्यों को कुछ छात्र तोड़ने का प्रयास कर रहे है। उन्होंने ऐसे समाज की कल्पना की जहां हर धर्म के लोग शिक्षा ग्रहण कर सकें।
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इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी की एक टीम ने फिरोज खान के समर्थन में कुलपति राकेश भटनागर से मुलाकात की। पूर्व विधायक अजय राय ने बताया कि कुलपति भटनागर ने बताया नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है। वहीं, विरोध में धरने पर बैठे शोध छात्र चक्रपाणि ओझा ने बताया हमारा विरोध सनातनी संस्कृत को पढ़ाने को लेकर है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग नहीं मांगी गई तो हम कोर्ट जाएंगे।’’