भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्यसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश से अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी ने राज्यसभा के लिए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को उम्मीदवार नहीं बनाया है, जबकि नकवी समेत एमजे अकबर और सैयद जफर इस्लाम का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
पार्टी ने जिन दो लोगों को टिकट दिया है, उनमें यूपी के शाहजहांपुर के रहने वाले मिथिलेश कुमार शामिल हैं। वह दलित समुदाय से आते हैं और समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी ने उनका नाम घोषित कर बड़ा समीकरण साध लिया है।
वहीं केंद्रीय मंत्री नकवी का नाम शमिल नहीं करना इस ओर इशारा कर रहा है कि क्या रामपुर लोकसभा सीट से नकवी उपचुनाव में किस्मत आजमाएंगे? दरअसल, बीजेपी ने राज्यसभा के लिए कुल 22 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है, जिसमें केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी सहित किसी भी मुस्लिम नेता का नाम शामिल नहीं है।
क्यों है उपचुनाव के कयास?
नकवी के रामपुर से लोकसभा उपचुनाव लड़ने की संभावनाओं को खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि 1998 में पहली बार इसी रामपुर से जीतकर नकवी सांसद और अटल बिहारी वाजपई सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री बने थे। बीजेपी में नकवी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
दरअसल, रामपुर लोकसभा सीट से आजम खान के इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में बीजेपी इस सीट को समाजवादी पार्टी के हाथ से छीनने के तमाम प्रयास करने की कोशिश में है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि रामपुर सीट से नकवी चुनाव लड़ते रहे हैं।
रामपुर सीट से नकवी तीन बार किस्मत आजमा चुके हैं और 1998 में सांसद बने थे, लेकिन 1999 और 2009 में भी चुनाव लड़े पर जीत नहीं सके। इस तरह नकवी 1998 के बाद कोई भी लोकसभा चुनाव जीत नहीं पाए और 2016 से उन्हें पार्टी ने झारखंड से राज्यसभा में भेजा।