मशहूर सिंगर केके के निधन को लेकर पश्चिम बंगाल में सियासत शुरू हो गई है। राज्य के विपक्षी दल बीजेपी ने पश्चिम बंगाल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सिंगर की मौत के मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है, वहीं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी से मौत पर राजनीति नहीं करने को कहा है।
बीजेपी की राज्य इकाई के प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए क्योंकि प्रशासन ने उचित सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने में लापरवाही बरती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कार्यक्रम स्थल में कम से कम सात हजार लोग मौजूद थे, जबकि उस स्थान की कुल क्षमता करीब तीन हजार लोगों की है। वह वहां लोगों से घिर गए थे जिसका मतलब है कि वीआईपी के लिए सुरक्षा इंतजाम उचित नहीं थे।’’
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इस पर टीएमसी महासचिव कुणाल घोष ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बीजेपी को अपनी ‘‘गिद्ध राजनीति’’ बंद करनी चाहिए और एक दुखद घटना का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘उनका निधन वास्तव में बेहद दुखद है और हम सभी इससे शोकाकुल हैं। लेकिन बीजेपी जो कर रही है उसकी उम्मीद नहीं थी। बीजेपी को अपनी गिद्ध राजनीति बंद करनी चाहिए। उन्हें मौत का राजनीतिकरण बंद करना चाहिए। अगर बीजेपी केके को पार्टी का नेता बताना शुरू कर दे तो हमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।’’
दरअसल, एक कॉलेज ने दक्षिण कोलकाता के ‘नजरुल मंच’ में मंगलवार को एक कॉन्सर्ट का आयोजन किया था। केके करीब एक घंटे तक परफॉरमेंस देने के बाद जब अपने होटल लौटे, तो वह असहज महसूस कर रहे थे और अचानक बेहोश हो गए। आनन-फानन में दक्षिण कोलकाता के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां रात करीब 10 बजे चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 53 वर्षीय सिंगर के परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं।