भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव में पिछली बार की तरह ही प्रर्दशन दोहराने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। आज राजधानी दिल्ली में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली तलब कर बैठक की जा रही हैं। बताया जा रहा है कि यह बैठक पार्टी की आगामी रणनीति को लेकर बुलाई गई है।
आपको बता दे की कुछ दिनों बाद गुजरात व राजस्थान , छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में चुनावी रणभेरी बजनी वाली हैं। जिनके नतीजो का लोकसभा चुनाव के परिणाम पर पड़ता हैं, पिछली बार इन राज्यों में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा, जिसके बाद तत्कालीन भाजपा नेतृत्व की सांसे फूल गई थी। लेकिन लोकसभा चुनाव में विधानसभा हारने वाले राज्यों में बीजेपी क्लीन स्वीप किया था।
मुख्यमंत्रियों के कामकाज का ब्योरा लेंगे पीएम मोदी
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ, पुष्कर सिंह धामी, हिमंता बिस्वा सरमा, भपेंद्र पटेल व अन्य मुख्यमंत्री शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने राज्य में विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं की रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। बैठक के दौरान पीएम मोदी सभी राज्यों में केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा कर सकते हैं। इस दौरान वे पार्टी नेताओं को आगामी रणनीति का मंत्र भी देंगे।
भाजपा की यूपी पर खास नजर, दिल्ली की सत्ता का रास्ता बनेंगा आसान
देश की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले दिनो बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के लोकापर्ण के समय प्रधानमंत्री नरेन्द, मोदी कानून व्यवस्था और विकास कार्यो पर जोर देकर संकेत दे दिया था कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इन्ही दो अहम मुद्दों को लेकर जनता के बीच जायेगी। दिल्ली की राह उत्तर प्रदेश से ही होकर जाती है। यही वजह है कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों का फोकस भी सर्वाधिक 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश पर ही होता है। चूंकि 2014 से ही प्रदेश की लोकसभा की सर्वाधिक सीटें भाजपा के खाते में हैं, लिहाजा इस स्थिति को बरकरार रखने या इससे आगे निकलना, भाजपा की कोशिश होगी। एक टीम के रूप में भाजपा प्रदेश के विधानसभा चुनावों के बाद से ही इसके लिए पूरी शिद्दत से जुड़ गई है।
कानून व्यवस्था में सुधार को लेकर योगी की तारीफ में कसीदे पढ़ चुका भाजपा नेतृत्व
इसी साल संपन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सितंबर 2021 से दिसंबर 2021 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कई अवसरों पर अपने संबोधनों में उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था और इसके असर का जिक्र किया। बड़ नेताओं द्वारा इन मुद्दों को स्थापित करने के बाद चुनावी रैलियों के दौरान ये मुद्दे पूरी तरह छाए रहे और चुनाव परिणाम में इसका असर भी दिखा।