भाजपा मुस्लिमों को अपनी ओर खींचने के लिए लगातार रणनीति बना रही हैं, मुस्लिमों के कई वर्ग भाजपा के साथ खासतौर पर सीधे नहीं जुड़ पाए हैं। सुन्नी व शिया में से भाजपा को अधिकांश शिया समुदाय वोट देता आया हैं। भाजपा के पास सुन्नी मुसलमानों के लिए कोई चेहरा भी नहीं हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में पसमांदा मुसलमान को अपने साथ जोड़ने के लिए लगातार फोकस कर रही हैं। पीएम मोदी भी पसमांदा मुसलमानों का मुद्दा उठा चुके हैं। भाजपा हिंदुत्व के साथ मुसलमानों के उस वर्ग को जोड़ने के लिए प्रयास कर रही हैं , जो खासतौर पर आर्थिक रूप से ज्यादा कमजोर हैं। पसमांदा मुसलमानों की संख्या अधिकांश उन राज्यों में ज्यादा हैं जंहा बीजेपी जीतने के आश्वास्त हैं । यूपी बंगाल , बिहार व झारखंड में पसमांदा मुसलमान काफी संख्या में हैं। इसलिए अबकी बार 2024 की रणनीति को देखते हुए बीजेपी निकाय चुनाव में पसमांदा मुसलमानों को उतार सकती हैं। जिसका परिणाम आने पर 2024 रणनीति तैयार की जाएगी।
निकाय चुनाव के सहारे पसमांदा मुसलमानों का ट्रायल
बीजेपी यूपी में अपनी जीत की लय को बरकरार रखने के लिए उन मुसलमान वार्डों भी पसमांदा मेंं आने वाले लोगों को निकाय का टिकट दे सकती हैं, जिन वार्डों में बीजेपी को मुसलमानोंं का वोट नहीं मिला हैं। इसलिए वार्डों में बीजेपी किसी ईमानदार छवि वाले व्यक्ति को टिकट दे सकती हैं। इसके लिए बीजेपी ने अपना काम भी शुरू कर दिया हैं। इसी के चलते बीजेपी लगातार पसमांदा मुसलमानों की बात कर रही है ताकि अल्पसंख्यकों में सेंध लग सके और एक बड़े वर्ग को साधा जा सके।
यूपी सरकार के इकलौते मुस्लिम मंत्री पसमांदा समाज से
बीजेपी दूरगामी सोच के साथ आगे बढ़ रही हैं , बीजेपी ने योगी सरकार के पार्ट -2 में पसमांदा समाज से आने वाले दानिश आजाद अंसारी को कैबिनेट मंत्री बनाया हैं। सपा बसपा को टक्कर देने के लिए बीजेपी उनके मुस्लिम वोटर में भी सेंध मारी करने में लगी हुई हैं। बीजेपी के कई मुस्लिम नेता लगातार यूपी का दौरा कर रहे हैं। बीजेपी रणनीतिकारों का मानना हैं कि अल्पसंख्यक वर्ग के वोटों से दूरी न रखी जाए और उसमें भी यथासंभव सेंध लगाई जाए। ताकि चिर परिचित स्थिति में आगामी लोकसभा चुनाव का परिणाम उत्साह जनक बनाए जा सके।
निकाय चुनाव के सहारे पसमांदा मुसलमानों का ट्रायल
बीजेपी यूपी में अपनी जीत की लय को बरकरार रखने के लिए उन मुसलमान वार्डों भी पसमांदा मेंं आने वाले लोगों को निकाय का टिकट दे सकती हैं, जिन वार्डों में बीजेपी को मुसलमानोंं का वोट नहीं मिला हैं। इसलिए वार्डों में बीजेपी किसी ईमानदार छवि वाले व्यक्ति को टिकट दे सकती हैं। इसके लिए बीजेपी ने अपना काम भी शुरू कर दिया हैं। इसी के चलते बीजेपी लगातार पसमांदा मुसलमानों की बात कर रही है ताकि अल्पसंख्यकों में सेंध लग सके और एक बड़े वर्ग को साधा जा सके।
यूपी सरकार के इकलौते मुस्लिम मंत्री पसमांदा समाज से
बीजेपी दूरगामी सोच के साथ आगे बढ़ रही हैं , बीजेपी ने योगी सरकार के पार्ट -2 में पसमांदा समाज से आने वाले दानिश आजाद अंसारी को कैबिनेट मंत्री बनाया हैं। सपा बसपा को टक्कर देने के लिए बीजेपी उनके मुस्लिम वोटर में भी सेंध मारी करने में लगी हुई हैं। बीजेपी के कई मुस्लिम नेता लगातार यूपी का दौरा कर रहे हैं। बीजेपी रणनीतिकारों का मानना हैं कि अल्पसंख्यक वर्ग के वोटों से दूरी न रखी जाए और उसमें भी यथासंभव सेंध लगाई जाए। ताकि चिर परिचित स्थिति में आगामी लोकसभा चुनाव का परिणाम उत्साह जनक बनाए जा सके।