उत्तर प्रदेश में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की बहराइच में दरगाह यात्रा को लेकर बीजेपी और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा के बीच विवाद शुरू हो गया है। दरअसल, ओवैसी ने बहराइच की अपनी यात्रा के दौरान गुरुवार शाम को मध्यकालीन गजनविद जनरल गाजी सैय्यद सालार मसूद उर्फ गाजी मियां की दरगाह का दौरा किया और चादर चढ़ाई।
उत्तर प्रदेश के मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि एआईएमआईएम और सुभासपा गठबंधन पिछड़े राजभर समुदाय का अपमान है। उन्होंने कहा, "ओवैसी की दरगाह की यात्रा महाराजा सुहेलदेव का अपमान है, जो 11वीं सदी के शासक थे। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 1034 ईस्वी में बहराइच में एक युद्ध में मसूद को हराकर मार डाला था।"
मंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार बहराइच के चितौरा में स्मारक बनाकर और मूर्ति स्थापित कर सुहेलदेव के गौरव को बहाल करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा, 'भागीदारी संकल्प मोर्चा' के नेताओं ने महाराजा सुहेलदेव को सम्मान देने वाले हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
मेरठ की सरधना विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक संगीत सोम ने भी इस मुद्दे पर ओवैसी और ओम प्रकाश राजभर पर जमकर निशाना साधा। सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि बीजेपी नेता महाराजा सुहेलदेव और सालार मसूद के मुद्दे पर एआईएमआईएम और सुभासपा के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि उन्हें डर था कि ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) मतदाता विधानसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, 'सुभासपा एआईएमआईएम के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। हम विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पिछड़ा-मुस्लिम और दलित एकता पर काम करेंगे।" ओवैसी ने बीजेपी नेताओं पर भी पलटवार करते हुए कहा, 'हम सर्कस के जोकर नहीं बल्कि रिंग मास्टर हैं और सभी हमारी धुन पर नाचेंगे।" उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी अप्रासंगिक मुद्दों को उठाकर राज्य सरकार द्वारा कोविड के कुप्रबंधन से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।
ओवैसी ने कहा कि एआईएमआईएम 2022 का विधानसभा चुनाव सुभासपा के नेतृत्व वाले भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ मिलकर लड़ेगी, जो 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों को निभाने में बीजेपी सरकार की विफलता को उजागर करेगा।