कृषि कानून को लेकर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। पिछले कुछ समय से प्रदर्शन की रफ़्तार धीमी है लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े हैं। वहीं दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) उत्तर प्रदेश में एक अगस्त से तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करेगा। इस आंदोलन में अब स्थानीय मुद्दे भी शामिल होंगे।
UP के सभी 18 संभागों में एक साथ आंदोलन शुरू करेंगे
भाकियू के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश के सभी 18 संभागों में एक साथ आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, 11 जुलाई से हम अपनी संभागीय और जिला समितियों की बैठकें करेंगे और एक अगस्त से हम अपनी मांगों को लेकर यूपी में अपना आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि संभागीय और जिला समितियां तीन कृषि कानूनों और उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में प्रचलित मुद्दों के बारे में जिलों में जागरूकता फैलाएगी।
किसान आंदोलन के तहत संभाग और जिला स्तर पर प्रदर्शन करेंगे
सिंह ने कहा, ” हम अपने लंबित गन्ने के भुगतान के अलावा बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी का मुद्दा भी उठाएंगे। हमारे किसान आंदोलन के तहत संभाग और जिला स्तर पर प्रदर्शन करेंगे।” उन्होंने कहा, ” हम अन्य स्थानीय मुद्दों के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे को भी उठाएंगे। यूपी में आंदोलन में भाग लेने के दौरान, किसान समय-समय पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा दिए गए आह्वान में भी शामिल होंगे।”
महामारी के दौरान मरने वाले किसानों के लिए मुआवजे की मांग करेगा भाकियू
भाकियू महामारी के दौरान मरने वाले किसानों के लिए मुआवजे की मांग करेगा। भाकियू के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक धर्मेंद्र मलिक ने कहा, ” हम उन किसानों के लिए मुआवजे की मांग करते हैं, जो कोविड की अवधि के दौरान मारे गए हैं। चूंकि उनके परीक्षण नहीं किए गए थे, इसलिए उन्हें कोविड के कारण मृत्यु के रूप में माना जाना चाहिए और कृषि दुर्घटना योजना के तहत मुआवजा दिया जाना चाहिए।” मलिक ने कहा, ” अगर मुआवजा नहीं दिया गया तो हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। दिल्ली की सीमाओं पर भी आंदोलन चलेगा और हमारे किसान यूपी राज्य में स्थानीय मुद्दों को भी उठाएंगे।”