प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश के नौ जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर सातवें और अंतिम चरण का प्रचार शनिवार शाम को समाप्त हो गया। इन क्षेत्रों में सोमवार को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होना है। यूपी विधानसभा चुनाव के लिए चल रहा प्रचार अभियान शनिवार शाम छह बजे थम गया। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल ने बताया कि शनिवार को सातवें चरण की 54 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार थम गया और अब निष्पक्ष मतदान कराने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
54 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार पर रोक लग गई
शनिवार को वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ और जौनपुर जिलों के 54 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार पर रोक लग गई। इन क्षेत्रों में कुल 613 उम्मीदवार अपनी तकदीर आजमा रहे हैं। सातवें चरण की 54 सीटों में 11 अनुसूचित जाति, जबकि दो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। सातवें चरण में लगभग 2.06 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
सोमवार सुबह सात बजे से मतदान की प्रक्रिया प्रारंभ होगी
शुक्ल ने बताया कि सातवें चरण के लिए तीन विधानसभा क्षेत्रों चकिया (अजा), राबर्ट्सगंज और दूधी (अजजा) में शनिवार दोपहर चार बजे, जबकि बाकी 51 विधानसभा क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे प्रचार-प्रसार पर शाम छह बजे से प्रभावी रूप से रोक लग गई। उन्होंने बताया कि सातवें चरण में प्रदेश के उपरोक्त नौ जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर सोमवार सुबह सात बजे से मतदान की प्रक्रिया प्रारंभ होगी और शाम छह बजे तक चलेगी।
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और सहयोगी अपना दल को 36 सीटें मिली
उल्लेखनीय है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में सातवें चरण की इन 54 सीटों में भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को 36 सीटें मिली थीं। इनमें भाजपा की 29, अपना दल (एस) की चार और सुभासपा की तीन सीटें शामिल हैं।
वहीं, दूसरी तरफ सपा को 11, बसपा को छह और निषाद पार्टी को एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। 2017 में अपने दम पर लड़ी निषाद पार्टी इस बार भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में है, जबकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाया है।
दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी
चुनाव प्रचार में विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने जहां भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार की आलोचना करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा ने सत्ता विरोधी लहर को कम करने के लिए पिछली सरकार के दौरान गुंडाराज, माफिया राज और दंगे जैसे मुद्दे उठाए। चुनाव प्रचार अभियान में विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों की मौत, आवारा पशुओं की समस्या, गुंडा राज और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों के साथ मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी।
भाजपा के शीर्ष नेताओं ने चेतावनी दी कि योगी सरकार
जबकि, चुनाव प्रचार पर हावी सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने की कोशिश करते हुए भाजपा ने पिछली सरकार के दौरान अवैध वसूली, गुंडाराज, माफिया राज और मुजफ्फरनगर दंगों जैसे मुद्दों पर अपने अभियान को आगे बढ़ाया। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने चेतावनी दी कि योगी सरकार द्वारा माफिया तत्वों को जेल में डाल दिया गया है और अगर सपा की सरकार बनी तो माफिया फिर जेल से बाहर हो जाएंगे।
10 मार्च को मतगणना की जाएगी
जनवरी में यूपी विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राज्य में पहले चरण का मतदान दस फरवरी से हुआ था और सात मार्च को अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के बाद 10 मार्च को मतगणना की जाएगी। अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में विधानसभा चुनाव की अपनी आखिरी जनसभा को संबोधित किया। वहीं, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव तीसरे चरण की मैनपुरी की करहल सीट पर चुनाव प्रचार के बाद दूसरी बार सातवें चरण में जौनपुर जिले की मल्हनी सीट पर सभा को संबोधित करते आए।
बनर्जी ने भी वाराणसी में सपा गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी वाराणसी में सपा गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया। उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी ने भी वाराणसी में कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड़डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस क्षेत्र में भाजपा नीत गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया।
54 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार पर रोक लग गई
शनिवार को वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ और जौनपुर जिलों के 54 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार पर रोक लग गई। इन क्षेत्रों में कुल 613 उम्मीदवार अपनी तकदीर आजमा रहे हैं। सातवें चरण की 54 सीटों में 11 अनुसूचित जाति, जबकि दो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। सातवें चरण में लगभग 2.06 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
सोमवार सुबह सात बजे से मतदान की प्रक्रिया प्रारंभ होगी
शुक्ल ने बताया कि सातवें चरण के लिए तीन विधानसभा क्षेत्रों चकिया (अजा), राबर्ट्सगंज और दूधी (अजजा) में शनिवार दोपहर चार बजे, जबकि बाकी 51 विधानसभा क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे प्रचार-प्रसार पर शाम छह बजे से प्रभावी रूप से रोक लग गई। उन्होंने बताया कि सातवें चरण में प्रदेश के उपरोक्त नौ जिलों की 54 विधानसभा सीटों पर सोमवार सुबह सात बजे से मतदान की प्रक्रिया प्रारंभ होगी और शाम छह बजे तक चलेगी।
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और सहयोगी अपना दल को 36 सीटें मिली
उल्लेखनीय है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में सातवें चरण की इन 54 सीटों में भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को 36 सीटें मिली थीं। इनमें भाजपा की 29, अपना दल (एस) की चार और सुभासपा की तीन सीटें शामिल हैं।
वहीं, दूसरी तरफ सपा को 11, बसपा को छह और निषाद पार्टी को एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। 2017 में अपने दम पर लड़ी निषाद पार्टी इस बार भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में है, जबकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाया है।
दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी
चुनाव प्रचार में विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने जहां भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार की आलोचना करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा ने सत्ता विरोधी लहर को कम करने के लिए पिछली सरकार के दौरान गुंडाराज, माफिया राज और दंगे जैसे मुद्दे उठाए। चुनाव प्रचार अभियान में विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों की मौत, आवारा पशुओं की समस्या, गुंडा राज और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों के साथ मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी।
भाजपा के शीर्ष नेताओं ने चेतावनी दी कि योगी सरकार
जबकि, चुनाव प्रचार पर हावी सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने की कोशिश करते हुए भाजपा ने पिछली सरकार के दौरान अवैध वसूली, गुंडाराज, माफिया राज और मुजफ्फरनगर दंगों जैसे मुद्दों पर अपने अभियान को आगे बढ़ाया। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने चेतावनी दी कि योगी सरकार द्वारा माफिया तत्वों को जेल में डाल दिया गया है और अगर सपा की सरकार बनी तो माफिया फिर जेल से बाहर हो जाएंगे।
10 मार्च को मतगणना की जाएगी
जनवरी में यूपी विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राज्य में पहले चरण का मतदान दस फरवरी से हुआ था और सात मार्च को अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के बाद 10 मार्च को मतगणना की जाएगी। अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में विधानसभा चुनाव की अपनी आखिरी जनसभा को संबोधित किया। वहीं, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव तीसरे चरण की मैनपुरी की करहल सीट पर चुनाव प्रचार के बाद दूसरी बार सातवें चरण में जौनपुर जिले की मल्हनी सीट पर सभा को संबोधित करते आए।
बनर्जी ने भी वाराणसी में सपा गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी वाराणसी में सपा गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया। उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी ने भी वाराणसी में कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड़डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस क्षेत्र में भाजपा नीत गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया।