अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी,कृषि अव्यवस्था और मुक्त व्यापार समझौता के मुद्दों को लेकर कांग्रेस पांच से 15 नवम्बर के बीच देशव्यापी आंदोलन करेगी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से कहा कि ‘मंदी और तालाबंदी’ मौजूदा भाजपा सरकार की पहचान बन गए हैं। देश की अर्थव्यवस्था ‘वेंटिलेटर’ पर है। न नौकरी है, न रोजगार, और कृषि क्षेत्र पर तो मंदी का दंश और भी बुरा है। डूबती अर्थव्यवस्था, घटती बचत, व्यापार की तालाबंदी और बैंक घोटालों में जनता के पैसे की लूट ने यह साबित कर दिया है कि भाजपा सर्कार ने देश की अर्थव्यवस्था का दीवाला निकाल दिया है।
उन्होने कहा कि भाजपा सरकार ने देश की वित्तीय स्वायत्ता एवं आर्थिक स्थिरता को दांव पर लगा दिया है। सच्चाई यह है कि भारत ‘वित्तीय आपातकाल’ की स्थिति में है। जले पर नमक छिड़कते हुए प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी ने इसी महीने में चीन समेत 15 देशों के साथ एक मेगा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने का निर्णय किया है। रीत्रनल कंप्रेहेंसिव इकॉनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट यानी आरसेप नामक इस समझौते से देश चीन एवं अन्य विदेशी उत्पादों के लिए एक डंपिंग ग्राउंड बन जाएगा।
श्री माकन ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को बदहाली की तरफ ढकेलने का प्रयास कर रही मोदी सरकार के खिलाफ चार सूत्रीय मुद्दे को लेकर कांग्रेस पांच नवम्बर से देश व्यापी आंदोलन खड़ करेगी। उत्तर प्रदेश में ब्लाक स्तर से आंदोलन की शुरूआत की जायेगी। जनता के सामने देश की बदहाली की जिम्मेदार सरकार का असली चेहरा लाया जायेगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के मुताबिक बेरोजगारी 45 साल में सर्वाधिक है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार बेरोजगारी की दर अक्टूबर में बढ़कर 8.5 प्रतिशत हो गई, जो पिछले कुछ समय में सबसे अधिक है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाईत्रेशन (आईएलओ) के अनुसार दुनिया में बेरोजगारी की दर 4.95 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि भारत में बेरोजगारी की दर दुनिया की औसत के मुकाबले लगभग दोगुनी है।
उन्होने कहा कि ग्रेजुएट््स से पीएचडी तक की योज्ञता रखने वाले युवाओं में बेरोजगारी की दर 15 प्रतिशत तक पहुंच गई है। शिक्षा की स्थिति और ज्यादा दयनीय है। 18 से 23 साल की उम, के बीच 74 प्रतिशत युवा कॉलेज ही नहीं जा पाते।
श्री माकन ने कहा कि पिछले छह सालों में जीडीपी सबसे निचले पायदान पर है। वर्ष 2014 में दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ अर्थव्यवस्था के पायदान से नीचे खिसक कर अब देश सातवें पायदान पर चला गया है। नया निजी निवेश 16 सालों में सबसे निचले स्तर पर है। घरेलू बचत 20 साल में सबसे कम हैं। भारत में बचत की संपूर्ण दर गिरकर 34.6 प्रतिशत से 30 प्रतिशत रह गई है जबकि औद्योगिक वृद्धि अगस्त में सिकुड़कर मात्र 1.1 प्रतिशत रह गई है, जो 7 साल में सबसे कम है। मैनुफैक्चरिंग में वृद्धि की दर गिरकर -1.2 प्रतिशत हो गई है, जो अक्टूबर, 2014 के बाद सबसे कम है।
उन्होने कहा कि बैंकों का एनपीए की राशि बढ़कर आठ लाख करोड़ रुपये हो गई है। भाजपा सरकार के पाँच सालों में बैंकों से धोखाधड़ के लगभग 25,000 मामले सामने आए, जिनमें बैंकों को एक लाख 74 हजार करोड़ रुपये का चूना लगा। भाजपा सरकार में देश के नागरिकों का ‘पैसा लूटो और भाग जाओ’ अब नया नियम बन गया।
आर्थिक अराजकता की स्थिति का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि अगस्त में आरबीआई ने भाजपा सरकार को 1,76,000 करोड़ रुपये दिए। इससे पहले 2014-15, 2015-16, 2016-17 और 2017-18 में भी आरबीआई द्वारा प्रतिवर्ष 2,13,000 करोड़ रुपये भाजपा सरकार को दिए गए।
श्री माकन ने कहा कि कृषि सेक्टर की जीडीपी वित्तवर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में गिरकर मात्र 2 प्रतिशत रह गई है। किसानों को लागत 50 प्रतिशत मुनाफा समर्थन मूल्य के तौर पर देने की बजाए भाजपा सरकार ने किसानों को बाजारी ताकतों के भरोसे छोड़ दिया है।
उन्होने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पर भाजपा सरकार का पहला प्रहार नोटबंदी था। दूसरा आघात जीएसटी से किया। अब तीसरी चोट चीन सहित 15 पूर्व एशियाई देशों के मेगा रीत्रनल फ्री ट्रेड एग्रीमेंट-रीत्रनल कंप्रेहेंसिव इकॉनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (आरसेप) पर भाजपा सरकार के हस्ताक्षर के रूप में लगने वाली है। 72 सालों में पहली बार भारत को चीन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
वित्तीय संकट की गंभीर स्थिति को देखते हुए इस समय आरसेप का एग्रीमेंट भारत की अर्थव्यवस्था, कृषि सेक्टर एवं रोजगार के निर्माण के लिए जानलेवा साबित होगा।