20 दिन में 'काल के गाल' में समाए एक ही परिवार के 8 सदस्य, नहीं मिली कोई सरकारी सहायता - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

20 दिन में ‘काल के गाल’ में समाए एक ही परिवार के 8 सदस्य, नहीं मिली कोई सरकारी सहायता

25 अप्रैल से 15 मई के बीच 20 दिनों के भीतर लखनऊ के बाहरी इलाके में स्थित इमालिया गांव के एक परिवार के सात सदस्यों की मृत्यु हो गई। आठवां सदस्य लगातार मौतों के सदमे को सहन करने में असमर्थ था और हृदय गति रुकने से उसकी मृत्यु हो गई।

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में लखनऊ के एक परिवार के 8 सदस्य काल के गाल में समा गए। 20 दिनों के अंदर हुई इन मौतों से गांव खामोश सदमे और शोक में डूबा हुआ है। सरकार के तमाम इंतजामों के बावजूद इस परिवार से अभी तक किसी भी सरकारी अफसर या नेता ने संपर्क नहीं किया।
25 अप्रैल से 15 मई के बीच 20 दिनों के भीतर लखनऊ के बाहरी इलाके में स्थित इमालिया गांव के एक परिवार के सात सदस्यों की मृत्यु हो गई। आठवां सदस्य लगातार मौतों के सदमे को सहन करने में असमर्थ था और हृदय गति रुकने से उसकी मृत्यु हो गई। मृतकों में परिवार के चार भाई शामिल हैं।
परिवार के जीवित मुखिया ओंकार यादव के अनुसार, “मेरे चार भाई, दो बहनें और मां की कोविड से मृत्यु हो गई। मेरी मौसी इस सदमे को सहन नहीं कर सकीं और उनकी हृदयघात से मृत्यु हो गई।” उन्होंने आगे कहा, “मैंने सुबह अपनी मां का अंतिम संस्कार किया और फिर उसी दोपहर तीन भाइयों का अंतिम संस्कार किया। मेरे छोटे भाई और दो बहनों की अगले दिनों में मृत्यु हो गई।”

UP : बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह की वीडियो में छेड़छाड़ कर उसे सोशल मीडिया पर डालने के मामले में दो लोग गिरफ्तार

ओंकार यादव ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें ऑक्सीजन बेड और उचित इलाज नहीं दिया गया। सोमवार को उन्होंने परिवार के पांच सदस्यों की तेहरावी रस्म अदा की। शेष तीन सदस्यों के लिए अनुष्ठान बाद में किया जाएगा। गांव के मुखिया मेवाराम ने कहा कि सरकार की ओर से एक भी प्रतिनिधि गांव में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि मौतों के बावजूद गांव में सैनिटाइजेशन नहीं हुआ है। 
उन्होंने कहा ” हमें अपना बचाव करने और इलाज के बिना मरने के लिए छोड़ दिया गया है। परिवार के बच्चे अभी तक सह नहीं पा रहे हैं कि इतने बड़े बुजुर्ग अचानक से गायब क्यों हो गए हैं।” परिवार के एक सदस्य ने कहा, “जब शव आए तो हमने उन्हें एक पड़ोसी के घर भेज दिया। वे अब भी सोचते हैं कि लापता सदस्य जल्द ही लौट आएंगे।”
 उन्होंने अपने माता पिता को खो चुके इन बच्चों के भविष्य के बारे में भी चिंता व्यक्त की। परिवार के सदस्य ने कहा, “हमें यह भी यकीन नहीं है कि हमारे लिए कोई सरकारी सहायता होगी क्योंकि किसी ने भी हमसे संपर्क तक नहीं किया है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

14 − three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।