उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया, लेकिन अब इसपर ही विवाद हो गया है। शोक जाहिर करने पर यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने ही अपने वाइस चांसलर का विरोध किया है। दरअसल, 22 अगस्त को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति तारिक मंसूर ने शोक व्यक्त किया था। इस शोक पत्र के बाद यूनिवर्सिटी के कैंपस में एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें इस शोक संवेदना की निंदा की गई है।
पोस्टर में लिखा गया है कि वाइस चांसलर द्वारा कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करना शर्मनाक है, क्योंकि कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना के मुख्य पात्रों में से एक थे और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया था। जो पोस्टर लगाया गया है, उसपर किसी संगठन या छात्र का नाम नहीं लिखा है। हालांकि, कुछ छात्र संगठनों ने इस पत्र का समर्थन किया है।
वहीं यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर प्रो. वसीम अली का कहना है कि यह हरकत किसी शरारती तत्व द्वारा की गई है। क्योंकि कोरोना की वजह से इन दिनों यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स नहीं हैं। कैंपस पूरा खाली है। कैंपस में दो तीन जगहों पर किसी शरारती तत्व ने पर्चे चिपकाने की हरकत की है। उन्होंने कहा कि आरोपियों की तलाश की जा रही है। पता चलते ही उनको यहां से हटा दिया जाएगा। वहीं सोशल मीडिया को लेकर उन्होंने कहा कि वहां कोई भी अपने विचार रख सकता है। यह कानून के उल्लंघन के दायरे में होगा तो कानूनी तौर पर उस पर कार्रवाई होगी।
बता दें कि यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह का शनिवार को 89 साल की उम्र में निधन हो गया था। काफी समय से वह बीमार थे। उन्होंने लखनऊ के पीजीआई में अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक रखा गया था। लेकिन एएमयू में कुलपति द्वारा उनके निधन पर शोक जताने का विरोध किया गया है।