अनुसूचित जाति की युवती से छेड़छाड़ के आरोपी युवक की शुक्रवार को पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद थानाध्यक्ष सहित 6 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। थानाध्यक्ष और तीन पुलिस वालों के खिलाफ हत्या, घूसखोरी और अन्य अपराध संबंधी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने शनिवार को बताया, गिलौला थाना क्षेत्र के दर्जीपुरवा गांव निवासी वाजिद अली के खिलाफ पिछले माह अनुसूचित जाति की युवती से छेड़छाड़ और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया गया था। इसी सिलसिले में वाजिद अली को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। शुक्रवार को हिरासत के दौरान युवक का शव थाने की हवालात में स्थित शौचालय में गमछे से लटकता मिला। उसे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां हालत नाजुक देख उसे बहराइच जिला अस्पताल भेजा गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एसपी ने कहा, अली के पिता ने शिकायत दर्ज कराई है कि उनके पुत्र को दो- तीन दिन से थाने में अवैध हिरासत में रखा गया था। पिता ने पुलिस पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए हैं। इस पर पुलिस अधीक्षक ने बताया, थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विनोद कुमार, तीन सब इंस्पेक्टर और दो अन्य पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। मृतक के पिता मोहम्मद उमर की तहरीर पर थाना प्रभारी के साथ दो अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या, भ्रष्टाचार व अवैध रूप से हिरासत में रखने का मामला दर्ज कराया गया है।
यूपी पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी द्वारा विवेचना और विभागीय जांच कराई जा रही है।जिलाधिकारी ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। मामले में निष्पक्ष जांच होगी। जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस अधीक्षक ने कहा, आरोपी पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी की जाएगी। घटना को लेकर मृतक के परिजन और ग्रामीण थाना परिसर के आसपास शुक्रवार को काफी देर तक हंगामा करते रहे। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्रवाई के आश्वासन पर लोग शांत हुए।
उधर मृतक के भाई ने पत्रकारों के समक्ष आरोप लगाया कि दोनो परिवारों के बीच जमीन का विवाद चल रहा था। विरोधी पक्ष ने पहले वाजिद अली की पिटाई की और बाद में रिपोर्ट लिखाकर पुलिस से गिरफ्तार करा दिया। अली के भाई ने दावा लगाया, वाजिद अली को कई दिन से थाने पर लाकर रखा गया था। युवक को छोड़ने के एवज में थाना प्रभारी की मांग पर 50 हजार रूपए घूस दी गयी थी, दो लाख रूपए और मांगे जा रहे थे। दो लाख रुपये नहीं दे पाने के कारण पुलिस ने वाजिद अली को मार दिया
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