रमजान के महीने में दारुल उलूम देवबंद ने मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए फतवा जारी किया है। जिसमें लॉकडाउन के बीच लोगों से ईद-उल-फित्र की नमाज़ घर में ही अदा करने को कहा गया है। कोरोना की कड़ी को तोड़ने के लिए प्रशासन ने रमजान में लोगों से नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में न जाने की अपील की है।
दारुल उलूम के मीडिया प्रभारी अशरफ उस्मानी ने बताया कि संस्थान के मोहतमिम (कुलपति) मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी के सवाल पर संस्थान के फतवा विभाग की एक पीठ ने यह फतवा जारी किया है। फतवे में कहा गया है कि लॉकडाउन में जिस तरह से जुमे (शुक्रवार) की नमाज़ घर में पढ़ी जा रही है, उसी तरह ईद की नमाज़ भी घर में ही अदा की जाए।
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इसमें कहा गया है कि जिन लोगों को ईद की नमाज़ नहीं मिले, उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मौजूदा हालात को देखते हुए उनकी ईद की नमाज़ माफ होगी। देश में फिलहाल रमज़ान का महीना चल रहा है। इस महीने में मुस्लिम समुदाय के सदस्य रोजा रखते हैं औरसूरज निकलने से लेकर सूरज डूबने तक कुछ खाते-पीते नहीं हैं।
यह महीना ईद का चांद दिखने के साथ खत्म होता है। इस बार 24 या 25 मई को ईद हो सकती है। इस्लाम के जानकारों के मुताबिक, फतवा अरबी भाषा का शब्द है। फतवा इस्लामी मामलों पर दी जाने वाली राय होती है और इसकी पाबंदी अनिवार्य नहीं होती है।