उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के कृषि योज्ञ भूमि में ह्यूमरस यानी जीवांश कार्बन नामक तत्व सिर्फ 25 फीसदी शेष बचा हुआ है। लिहाजा जिले की भूमि के बंजर होने के मौके लगातार बढ़ते जा रहे है।
कृषि विभाग के मृदा प्रयोगशाला अधीक्षक सुन्दरलाल वर्मा ने रविवार को बताया कि जिले की कृषि योज्ञ भूमि में नाइट्रोजन फास्फोरस, कैल्शियम की कमी होना एक आम बात हो गयी है मगर ह्यूमरस नामक तत्व की लगातार कमी होना चिन्ता का विषय बनता जा रहा है। इस तत्व की खेती में उपयोगिता कम से कम 0.8 होना आवश्यक है मगर यह वर्तमान में जांच के दौरान सिर्फ 0.2 मिली ग्राम रह गया है।
यह जीवांश कार्बन फसलों को बढ़ने व दाने को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी लगातार होती जा रही है। श्री वर्मा ने स्पष्ट किया कि जिस प्रकार मानव को जिन्दा रखने के लिये पर्याप्त हिमोग्लोबिन की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार फसलो को जिन्दा रखने के लिये ह्यूमरस तत्व का होना आवश्यक होता है।
उन्होंने कहा कि यदि किसान समय रहते नही चेता अथवा उसने ढ़चा, जिप्सम, सनई, मूंग, उड़द आदि हरी खादो का प्रयोग नही किया तो पांच साल के अन्दर जमीन फसल देने मे असमर्थ हो जायेगी। अभी भी मौदहा व राठ क्षेत्र के करीब पचास गावों में जमीन बंजर होने की बात सामने आयी है। यदि इसमें सुधार नही हुआ तो किसान एक एक दाने को मोहताज हो जायेगा।