उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां कोरोना से पीड़ित युवती को छिपाने के आरोप में उसके पिता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। ताज नगरी आगरा में कोरोना वायरस से संक्रमित एक महिला के मिलने के बाद राज्य में रविवार तक कोविड-19 से पीड़ित की तादाद बढ़ कर 13 हो चुकी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आगरा में महामारी अधिनियम के तहत देश में पहली एफआईआर दर्ज की गयी है। सदर पुलिस थाने में रेलवे के एक अधिकारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 269 और 270 एवं महामारी अधिनियम 1897 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारी पर आरोप है कि उसने अपनी पुत्री को लेकर गलत सूचना दी जो अपने पति के साथ विदेश में हनीमून मनाकर वापस लौटी थी और कोरोना वायरस से संक्रमित हो गयी थी। महिला दिल्ली के रास्ते आगरा आ गयी लेकिन जब अधिकारियों ने उसके पिता से पूछा तो उसने कहा कि पुत्री बैंगलोर जा चुकी है लेकिन बाद में वह रेलवे कालोनी स्थित उसके घर में पायी गयी।
पीड़ति महिला को आगरा मेडिकल कालेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है और उसके शरीर में कोरोना वायरस के लक्षण पाये गये हैं। इस लिहाज से वह राज्य में 13वीं ऐसी मरीज है जिसकी जांच रिपोर्ट पाजीटिव आयी है। लखनऊ स्थित केजीएमयू में कोरोना वायरस के 60 संदिग्धो के नमूने जांचे गये जिसमें आगरा की महिला को छोड़कर 59 की रिपोर्ट निगेटिव आयी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीड़ित में सबसे अधिक आठ मरीज आगरा के हैं जबकि कोरोना से पीड़ित दो लखनऊ के और एक गाजियाबाद का है। चिकित्सकों का कहना है कि सभी 13 मरीजों का इलाज यूपी और दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। यूपी में अब तक 617 संदिग्धों के नमूने परीक्षण के लिये भेजे जा चुके है जिसमें 604 की रिपोर्ट निगेटिव आयी है।