प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बाढ़ से पैदा हुई स्थिति पर बुधवार को यानी आज स्थानीय प्रशासन से विस्तृत चर्चा कर जायजा लिया और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया, ‘‘प्रधानमंत्री ने वाराणसी प्रशासन से विस्तृत चर्चा की और बाढ़ से पैदा हुई स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया।’’ बता दें कि वाराणसी में गंगा और वरुणा नदियों में उफान से शहर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है।
बता दें कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुई बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से यूपी के कई जिलों में नदियां उफान पर हैं, जिससे वाराणसी भी अछूता नहीं रहा है। वाराणसी में गंगा नदी, खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और अभी भी लगातार पानी का बढ़ना जारी है। बाढ़ की वजह से न केवल शहरी इलाकों में बल्कि गांवों में भी जलप्रलय जैसे हालात पैदा हो गए हैं। सब्जियों के लिए खास तौर से मशहूर वाराणसी के रमना गांव की स्थिति तो ऐसी है कि यहां आधा से ज्यादा गांव जलमग्न हो चुका है।
बाढ़ ने शिव की नगरी में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, तबाह हुई फसलों पर सरकारी मुआवजे की बात की गई तो ग्रामीणों ने कहा कि आपदा के बाद मुआवजे के लिए सर्वे अंग्रेजी हुकूमत की तरह होता है, जिससे कभी 200, 250 या 500 रुपये ही कुछ किसानों को मिल पाते हैं। उन्होंने बताया कि बगैर तटबंध बनाए उनके गांव में बाढ़ के पानी को रोका नहीं जा सकता। किसानों ने कहा कि गंगा के रास्ते तटबंध नहीं बनाया जाएगा तो वे अपने ग्राम प्रधान की अगुवाई में कड़ा फैसला लेने के लिए मजबूर हो जाएंगे, लोग वोटिंग का बहिष्कार कर देंगे।