लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरो-शोरों पर है। वहीं नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के लिए आज शाम 7 बजे प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद,उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायूड के अलावा देश-विदेश से करीब 8 हजार मेहमान शिरकत करेंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रपति भवन में ये अभी तक का सबसे बड़ा समारोह बताया जा रहा है। इस समारोह को बेहद सिम्पल रखने के साथ -साथ भोजन की व्यवस्था को भी सिम्पल सा ही रखा गया है।
चाय के साथ सर्व किए जाएंगे समोसे और राजभोग
चाय के साथ आए शपथ ग्रहण समारोह में आए मेहमानों को वेजिटेरियन डिशेज भी सर्व किए जाएंगे। जिसमें भारतीयों के पसंदीदा समोसे के अलावा पनीर टिक्का,राजभोग और लेमन टार्ट की भी व्यवस्था की गई है। स्नेकस के बाद रात 9 बजे खाने परोसा जाएगा। जिसमें वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन व्यंजन सर्व की जाएंगे। इस समारोह में वेजिटेरियन खाने की डिश दाल रायसीना खास होगी। जिसे मेहमानों को सर्व किया जाएगा।
बता दें कि राष्ट्रपति भवन के रसोईघर की स्पेशिऐलिटी है दाल रायसीना जिसे बनाने में पूरे 48 घंटे का समय लगता है और यही वजह है कि इस दाल को बनाने की तैयारियां मंगलवार की रात से ही शुरू कर दी गई थी। इस स्पेशल दाल को बनाने के लिए उपयोग होने वाली सामग्रियों को विशेषतौर पर लखनऊ से मंगवाया गया है।
विवाद है दाल पकने के समय को लेकर
शेफ मछिन्द कस्तुरी नाम के शेफ जिन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल के वक्त दाल रायसीना की शुरूआत की थी उन्होंने बताया है कि दाल रायसीना को पकने में केवल 6 से 8 घंटे का समय लगता है,जबकि इस समय मौजूद शेफ मॉन्टी सैनी का कहना है कि दाल रायसीना को बनकर तैयार होने वाली दाल में 48 घंटे का समय लगता है।
अब देखा जाए तो दाल के पकने के समय को लेकर जंग छिडी हुई है। शेफ कस्तुरी का कहना है कि दाल रायसीना का टेक्सचर वेलविट जैसा होता है इसमें लाइट मसालों के साथ-साथ कसतूरी मेथी के पत्ते भी डाले जाते हैं जो इस दाल का सीक्रेट इन्ग्रीडिएंट है।
खास मसालों के साथ तैयार की जाती है काली उड़द दाल
दाल रायसीना को बनाने के लिए काली उड़द दाल जिसे मां की दाल भी कहते हैं का उपयोग किया जाता है। इस दाल को पकने में काफी ज्यादा वक्त लगता है जिसकी वजह से इसे पूरी रातभर पानी में भिगोकर रखा जाता है जिसके बाद अगले दिन इसे एक बार दोबारा से धोकर कुकर में उबालने के लिए रख दिया जाता है। फिर दाल रायसीना को कुछ खास मसालों के साथ धीमी आंच पर पकने के लिए छोड़ दिया जाता है।