उत्तर प्रदेश एटीएस ने बड़े पैमाने पर धर्मान्तरण कराने वाले रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया है। लंबे समय से चल रहे इस रैकेट में अब तक 1000 से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा चुका है। मामले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से फंडिंग का भी एंगल निकलकर सामने आया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं। आरोपी गरीब परिवारों, बेरोजगार युवाओं और विकलांग लोगों को विशेष रूप से सुनने और बोलने वाले बच्चों को निशाना बनाते थे और उन्हें अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर करते थे।
बुजुर्ग मारपीट मामला : ट्विटर के जवाबों से संतुष्ट नहीं गाजियाबाद पुलिस, फिर भेजेगी नोटिस
आरोप है कि पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई से इसके लिए फंडिंग हो रही थी। गुड़गांव के रहने वाले मूक बधिर मन्नू यादव का भी इन्होंने धर्मांतरण करवा कर दिया। जानकारी के मुताबिक, धर्मांतरण गिरोह का मास्टरमाइंड मौलाना उमर गौतम थरियांव थाना क्षेत्र के पंथुवा गांव रहने वाला है। उसने करीब 39 वर्ष पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान मुस्लिम धर्म अपना लिया था।
आरोपी ‘इस्लामिक दावा सेंटर’ नाम से एक सेंटर चलाते थे, जिसे दुनिया भर से फंडिंग मिलती थी। पुलिस उन लोगों को भी ट्रैक कर रही है जो इस रैकेट में फंस गए। आरोप है कि कई महिलाओं को अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया और उनकी शादी कर दी गई।