ज्ञानवापी विवाद मे आज वाराणसी कोर्ट मे मामले की सुनवाई चल रही हैं, हिंदू पक्ष की ओर से दायर की गयी याचिका जिला कोर्ट ने खारिज कर दिया हैं, यह हिंदू पक्ष के लिए झटका के संकेत हैं। इस मामले को लेकर कोर्ट में आज सुबह से गहमागहमी दिखाई पड़ रही थी।
श्रृगांर गौरी को पूजा को लेकर वाराणसी कोर्ट में चार महिलाओं ने संयुक्त रूप से याचिका दायर की थी , जिसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद में इस मामला गहराता गया, इस मामले में सर्वेक्षण के दौरान पाए गए शिवलिंग की हिंदू पक्ष की ओर से दायर की गयी कार्बन डेंटिग व वैज्ञानिक परीक्षण की याचिका को खारिज कर दिया गया हैं। जिससे हिंदू पक्ष को बड़े झटके के रूप में देखा गया हैं। दरअसल समें ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के आयु निर्धारण के लिए की जा रही कार्बन डेटिंग या पुरातत्वविदों की टीम द्वारा इसकी और आसपास के स्थान की जांच की मांग की गई थी। शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग जहां हिंदू पक्ष ने की थी वहीं कार्बन डेटिंग का मुस्लिम पक्ष विरोध कर रहा था।
तथ्यों के साथ छेड़छाड़ ना करने की कोर्ट ने दी हिदायत
फैसले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि परिसर में स्थापति तथ्यों से किसी भी प्रकार की कोई छेड़छाड़ ना की जाए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि किसी भी आम जनमानस की भावना का ख्याल रखा जाना चाहिए , अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरह आम जनमानस की भावना को आहत करने का प्रयास ना किया जाए ।
शिवलिगं को नुकसान पहुंचा तो सुप्रीमकोर्ट के निर्देश का उल्लंघन
पूर्व में ज्ञानवापी में विशेष सबूतों को लेकर सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी , जिसपर बैंच ने अपना फैसला देते हुए कहा था कि वहां पर उपस्थित सबूतों के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ ना की जाए। इसी को देखते हुए जिला कोर्ट ने सुप्रीमकोर्ट के फैसले का अनुसरण किया हैं । अगर उत्तेजना प्रकट करके कोई भी पक्ष शिवलिंग या तथ्य के साथ छेड़छाड़ करता हैं वह सुप्रीमकोर्ट के फैसले का साफ तौर उल्लंघन करेगा।