ज्ञानवापी केस में आज फिर वाराणसी की जिला अदालत ने केस की सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी हैं। पिछली बार अदालत ने मुस्लिम पक्ष की चार दलीलें सुनकर केस को आज सुनने का फैसला किया था। लेकिन आज फिर से एक बार इस मामले को लेकर अदालत ने सुनवाई तारीख 12 करने की नियत तय की हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज की अदालत में हो रही सुनवाई में सबसे पहले सिविल प्रक्रिया संहिता आदेश 07 नियम 11 पर मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव को दलील पेश करने का मौका मिला है। इसमें तय होना है कि हिन्दू पक्ष की ओर से दायर मामला सुनवाई योग्य है या नहीं।
अदालत छावनी में तब्दील, केवल अधिवक्ताओं को अंदर जाने की अनुमति
मामले की धार्मिक भावनांए को देखते हुए शासन प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। सुनवाई के वक्त कोर्ट के सभागार में केवल वादी -प्रतिवादी के वकीलों को अंदर जाने की अनुमति दी गई थी। अदालत के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस फोर्स के जवान तैनात किए गए थे। ताकि किसी अलोकप्रिय घटना को तत्काल रोका जा सके। 26 मई की सुनवाई में मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के वकील अभयनाथ यादव ने वादी महिलाओं की ओर से दाखिल दावे को विरोधाभासी बताते हुए करीब 12 बिंदुओं पर दलील दी थी।
30 मई की सुनवाई में दीन मोहम्मद का जिक्र
30 मई को हुई सुनवाई में प्रतिवादी पक्ष के वकील अभयनाथ ने 1937 में दीन मोहम्मद केस का तर्क देते हुए कहा था की इस वाद को खारिज कर दिए जाना चाहिए। लेकिन सुनवाई करने वाली बैंच ने बहस को जारी रखते हुए मामले में सुनवाई करने की तारीख चार जुलाई नियत तय की थी।
वीडीयो लीक होने पर भी हो सकती हैं सुनवाई
ज्ञानवापी मस्जिद में कमीशन के दौरान वीडीयो ग्राफी व फोटो लिए गए थे। जो बाद में सोशल मीडीया पर वायरल हो गए, इसके विरोध में मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में वीडीयो व फोटो लीक होने पर कार्रवाई की मांग करते हुए जिला अदालत में याचिका दायर की थी। इसमें अर्जी दाखिल करने वाली महिलाओं का नाम भी प्रमुख रूप से हैं।