वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर जारी विवाद थमने की जगह बढ़ता ही जा रहा है, दरअसल हिंदू पक्ष द्वारा मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद से ही इस मुद्दे पर लोग अपना राजनीतिक हित साधने की कोशिश करने लगे हैं। अब इस मामले में बाबरी मस्जिद के पक्षकारों की भी एंट्री हो गयी है, राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद केस में पक्षकार रहे हाजी महबूब ने अब ज्ञानवापी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो हाजी महबूब ने कहा कि अगर मुसलमान समुदाय वाराणसी की ज्ञानवापी और मथुरा की ईदगाह मस्जिद को बचाने के लिए आंदोलन करेगा तो देश को बर्बादी की राह पर जाने से कोई नहीं रोक सकता।
बाबरी मस्जिद के पक्षकार हाजी महबूब ने ज्ञानवापी पर कही यह बात
हाजी महबूब ने आरोप लगाते हुए कहा कि अयोध्या की बाबरी मस्जिद के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अब ज्ञानवापी मस्जिद और शाही ईदगाह मस्जिद के पीछे पड़ गए हैं और साजिश कर रहे हैं। महबूब ने कहा कि अगर इन दोनों मस्जिदों को अगर वो लेने की सोच रहे हैं तो उन्हें यह बिलकुल भूल जाना चाहिए। ज्ञानवापी और ईदगाह मस्जिद को बचाने के लिए बड़ा आंदोलन किया जाएगा इस बार मुसलमान पीछे नहीं हटेंगे। हाजी महबूब ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद जहां है वहीं रहेगी, साथ ही मस्जिद के वजू खाने में मिली संरचना शिवलिंग नहीं बल्कि एक फव्वारा है।
बाबरी मस्जिद को लेकर हुए विवाद का जिक्र करते हुए हाजी महबूब ने कहा कि इस मामले में सबकुछ मुस्लिम समुदाय के पक्ष में था, सुप्रीम कोर्ट ने खुद माना था कि यह केस मुस्लिमों के फेवर में था लेकिन फिर भी फैसला राम मंदिर के पक्ष में सुनाया गया। इसके बावजूद हम चुप रहे और इस समस्या का समाधान होने दिया, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा हम ज्ञानवापी और ईदगाह मस्जिद के मामले में पीछे नहीं हटेंगे और आंदोलन करेंगे।
ज्ञानवापी मस्जिद में हुए सर्वे से शुरू हुआ पूरा विवाद
गौरतलब है कि ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर हिंदू देवताओं के विग्रह, श्रृंगार गौरी की रोज पूजा के अधिकार की मांग को लेकर 5 महिलाओं ने वाराणसी कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे हुआ और हिंदू पक्ष द्वारा नंदी के ठीक सामने बने कुएं में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है। हालांकि इस दावे में कितनी सच्चाई है इस बात का पता अब कोर्ट के फैसले पर ही टिका हुआ है सर्वे से सम्बंधित रिपोर्ट्स को जमा कराया जा चुका है। बता दें कि यह शिवलिंग मिलने का दावा हिंदू पक्ष की ओर से किया जा रहा है लेकिन मुस्लिम पक्ष के लोग इस बात से साफ इंकार कर रहे हैं। उनके मुताबिक कुएं के अंदर कोई शिवलिंग नहीं है बल्कि फव्वारा है जो हर वजू खाने में होता है। हिंदुओं के मुताबिक यह पत्थर की संरचना शिवलिंग के आकर की है, वहीं मुस्लिमों का सवाल है कि यह कैसे तय किया गया है कि वह संरचना पत्थर की ही है?