उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में शनिवार को कैमिकल फैक्ट्री में विस्फोट के बाद आग लगने में मरने वालों की संख्या 12 हो गई है। इसके अलावा अन्य 15 लोग घायल है जिनमें 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस मामले में सरकार के आदेश के बाद जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई है। इस बीच इस मामले में कई अहम खुलासे सामने आ रहे हैं। बता दें कि, इस फैकट्री को चलाने के लिए एक वर्ष पहले ही लाइसेंस लिया गया था। और जिस व्यक्ति के नाम यह लाइसेंस था उसने किसी अन्य व्यक्ति को यह फैक्ट्री चलाने के लिए दी हुई थी।
इलाके में चलती है सैकड़ों फैक्ट्रियां
बता दें कि, हापुड़ के जिस इलाके में यह घटना हुई है उस इंडस्ट्रीयल इलाके को यूपीसीडी ने बसाया है और यह उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल अथॉरिटी के नाम से जाना जाता है। इस स्थान पर सैकड़ों फैक्ट्रियां बनी हुई हैं। जिस फैक्ट्री में धमाका हुआ है वह रूही इंडस्ट्री के नाम से चलाई जा रही थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि, यह धमाका इतना जोरदार था कि, 10 किलोमीटर दूर तक इसकी आवाज सुनाई दी।
इलाके में चलती है सैकड़ों फैक्ट्रियां
बता दें कि, हापुड़ के जिस इलाके में यह घटना हुई है उस इंडस्ट्रीयल इलाके को यूपीसीडी ने बसाया है और यह उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल अथॉरिटी के नाम से जाना जाता है। इस स्थान पर सैकड़ों फैक्ट्रियां बनी हुई हैं। जिस फैक्ट्री में धमाका हुआ है वह रूही इंडस्ट्री के नाम से चलाई जा रही थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि, यह धमाका इतना जोरदार था कि, 10 किलोमीटर दूर तक इसकी आवाज सुनाई दी।
ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है पुलिस
इसके अलावा फॉरेंसिक टीम घटना स्थल की जांच कर रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि, टीम यह जांच कर रही है कि फैक्ट्री में धमाके वाली सामग्री कहा से आई थी। इस बीच पुलिस का कहना है कि, ऐसा लग रहा है कि फैक्ट्री में टॉय गन में इस्तेमाल होने वाले कारतूस बनाए जा रहे थे। और लगता है कि, इन कारतूस में बारूद का इस्तेमाल हो रहा था। इसके अलावा पुलिस ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि, आग लगने के बाद उठने वाला धुआं सफेद रंग का था।