समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है। सुनवाई में यूपी सरकार ने कोर्ट से कहा कि आजम खान आदतन अपराधी हैं और उनको जमानत नहीं मिलनी चाहिए। वहीं सपा नेता के वकील ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार उनके मुवक्किल को राजनीतिक द्वेष का शिकार बना रही है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आजम की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
आजम खान के खिलाफ दर्ज हुए हालिया एफआईआर को लेकर यूपी सरकार ने बताया कि वर्ष 2020 में मामले में FIR दर्ज हुई थी और 2022 में आज़म खान का नाम जोड़ा गया। इस पर कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में आज़म खान का नाम जोड़ने के लिए शिकायतकर्ता ने दो साल का समय क्यों लगाया।
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वहीं आज़म खान के वकील सिब्बल ने कहा यह एफआईआर तब दर्ज हुई जब आजम जेल में थे। दरअसल, पिछले हफ्ते आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि आजम को बेल मिलते ही नया केस दर्ज हो जाता है।