पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना 2020 तक पूरा करने के निर्देश, बैंक समूह देगा 8,800 करोड़ रुपये - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना 2020 तक पूरा करने के निर्देश, बैंक समूह देगा 8,800 करोड़ रुपये

धारा-102 और 115 में संशोधन तथा माध्यस्थम व सुलह अधिनियम 1996 में न्यायालय की परिभाषा में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर किया।

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को तय किया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना के वित्तपोषण के लिए कारपोरेशन बैंक को पंजाब नेशनल बैंक की अगुवाई वाले बैंक समूह का हिस्सा बनाया जाएगा। कारपोरेशन बैंक परियोजना के लिए 1,000 करोड रूपये रिण देगा। कुल मिलाकर परियोजना के लिये बैंकों का समूह अब 8,800 करोड़ रुपये का कर्ज देगा। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में उक्त फैसला किया गया। बैठक के बाद कैबिनेट के फैसलों की जानकारी राज्य सरकार के प्रवक्ताद्वय उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यहां संवाददाताओं को दी। 
सिंह ने कहा, ”पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना के वित्तपोषण के लिए कारपोरेशन बैंक को पंजाब नेशनल बैंक की अगुवाई वाले कंसोर्टियम का हिस्सा बनाया जाएगा।” 
उन्होंने बताया कि यह लखनऊ से गाजीपुर तक की लगभग 400 किलोमीटर लंबी एक्सप्रेसवे परियोजना है। इसके पूर्ण हो जाने पर लखनउ से गाजीपुर का सफर महज साढे चार से पांच घंटे में किया जा सकेगा। अभी आठ से नौ घंटे लगते हैं। 
उन्होंने कहा, ”विजया बैंक द्वारा दिये जा रहे 1,000 करोड रूपये के रिण को बैंक आफ बडौ़दा द्वारा दिया माना जाएगा। कारपोरेशन बैंक परियोजना के लिए 1,000 करोड रूपये रिण देगा।” इस तरह अब परियोजना में कंसोर्टियम द्वारा कुल 8,800 करोड रूपये का वित्तपोषण होगा जो पहले 7,800 करोड रूपये था। 
राज्य प्रवक्ता ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 12 हजार करोड़ रुपये की जरुरत है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य किसी भी हालत में 2020 तक पूरा कर लिया जाए। 
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने भी अगस्त 2020 तक मुख्य सड़क पर यातायात शुरू करने का लक्ष्य रखा है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ ही प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र न सिर्फ प्रदेश के अन्य शहरों से जुड़ जाएंगे बल्कि अन्य एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की राजधानी से भी जुड़ जाएंगे। एक्सप्रेसवे लखनउ के चंद सरई से गाजीपुर में कासुपुर के नजदीक जाकर जुडेगा। 
इस एक्सप्रेसवे पर लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर जिले पडेंगे। एक्सप्रेसवे को वाराणसी से एक अलग लिंक रोड से जोड़ा जाना प्रस्तावित है। 
यह एक्सप्रेसवे वर्तमान के ‘आगरा से लखनऊ एक्सप्रेसवे’ और मौजूदा ‘यमुना एक्सप्रेसवे’ से भी जुड़ जाएगा। प्रवक्ता शर्मा ने बताया कि राज्य मंत्रिपरिषद ने एक अन्य फैसले में तय किया कि मुख्यमंत्री आवास योजना— ग्रामीण, की धनराशि पात्र व्यक्तियों को जल्द उपलब्ध कराने के लिए अब पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) लिंक्ड स्टेट नोडल एकाउंट से धनराशि सीधे योजना लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाएगी। 
सिंह ने बताया कि राज्य कैबिनेट ने फैसला किया कि प्रदेश का सूचना विभाग अब राजकीय प्रेस के साथ साथ निजी प्रिंटिंग प्रेस से भी छपायी का कार्य करा सकेगा। गुणवत्ता और मूल्य के आधार पर राजकीय प्रेस को वरीयता दी जाएगी। 
शर्मा ने बताया कि एक अन्य फैसले में कैबिनेट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उपयोग के लिए प्रयागराज के थार्नहिल रोड पर कांफ्रेंस हाल, दो वीआईपी सुइटस और एक संग्रहालय के निर्माण तथा उच्च न्यायालय के उपयोग के लिए मल्टीलेवल पार्किंग और अधिवक्ता चेंबर बनाये जाने के लिए 530.07 करोड रूपये का प्रस्ताव मंजूर किये हैं। प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा-102 और 115 में संशोधन तथा माध्यस्थम व सुलह अधिनियम 1996 में न्यायालय की परिभाषा में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर किया। 
उन्होंने बताया कि धारा—102 में जमानत राशि क्रमशः 25 हजार रूपये से बढ़ाकर 50 हजार रूपये और धारा—115 में पांच लाख रूपये से बढ़ा कर 25 लाख रुपये कर दी गई है । इससे विवादों का जल्द निपटारा होगा। जिला जज के अलावा एडीजे भी मामले सुन सकेंगे। माध्यस्थम व सुलह अधिनियम 1996 में न्यायालय की परिभाषा में संशोधन से उच्च न्यायालय के स्थान पर जिला न्यायालयों में मामलों की सुनवाई हो सकेगी। 

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