उत्तर प्रदेश के कानपुर से ऐसा मामला सामने आया है, जिसने योगी सरकार की पुलिस पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक महीने से लापता बेटी को ढूढ़ने की गुहार लगा रही विकलांग मां से पुलिस ने 12 हजार रुपए तक की वसूली कर ली। सोमवार को जब मामला डीआईजी के सामने पहुंचा तो उन्होंने वसूली करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच बैठा दी है। इसके साथ ही पीड़िता की बेटी को ढूंढने के भी निर्देश दिए।
कानपुर के थाना चकेरी के अंतर्गत सनिगवां निवासी विकलांग विधवा वृद्धा गुड़िया की नाबालिग बेटी एक महीने से लापता है। जिसकी थाने में गुमशुदगी भी दर्ज की गई थी। विकलांग महिला ने अपने ही दूर के एक रिश्तेदारों पर बेटी को गायब करने का आरोप लगाया था। इसके बाद कानपुर डीआईजी ऑफिस पहुंची महीने के पुलिस कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए।
विकलांग महिला ने रो-रो कर डीआईजी ऑफिस में अपनी बात कही। महिला अपनी बच्ची को ढूंढने की गुहार लगा रही थी और कह रही थी साहब 1 महीने हो गया है अब तो हमारी बच्ची से हमसे मिलवा दो। उसने यह भी कहा कि साहब पुलिस वाले भैया ने डीजल के पैसे मांगे थे। मैंने वह भी दे दिए फिर भी मेरी बच्ची को ढूंढ कर नहीं ला रहे हैं।
पीड़ित विकलांग महिला की गुहार सुन डीआईजी प्रितिंदर सिंह भी दंग रह गए और उन्होंने पीड़ित विकलांग महिला को बैठा कर उसे पानी पिलाया और फिर पूरी उसकी समस्या को सुना और जल्द से जल्द बच्ची को ढूंढने का आश्वासन भी दिया। विकलांग महिला ने थाना चकेरी की चौकी सनिगवां के चौकी इंचार्ज राजपाल सिंह पर लगाए गए गंभीर आरोपों को देखते हुए विकलांग महिला के सामने ही तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर विभागीय जांच के आदेश भी दिए। और फिर पुलिस स्कॉट से विकलांग महिला को घर तक छोड़ने के निर्देश भी मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों को दिए।
पीड़िता के अनुसार, पुलिस से वह लगातार बेटी को खोजने की गुहार लगा रही थी। मगर पुलिस ने बेटी खोजने के नाम पर उससे गाड़ी में डीजल डलवाने की बात कही और उसने वह भी किया और लगभग 10 से 12 हजार रुपए का डीजल पुलिस की गाड़ में डलवा चुकी है। महिला ने यह भी बताया एक दो बार पुलिस वाले गाड़ी से बेटी को लेने के लिए गए भी थे पर बेटी को लेकर नहीं आए।
उसने बताया कि अब उसके पास पैसे नहीं है अब वह डीजल कहां से डलवा है उसने यह भी बताया कि वह लखनऊ में मुख्यमंत्री के ऑफिस तक शिकायत करने के लिए गई थी लेकिन वहां से भी कुछ नहीं हुआ और लौट के फिर उसे चौकी जाना पड़ा जहां उसके साथ पुलिस वाले सिर्फ गाली-गलौज और दुत्कार कर भगा देते हैं और बेटी पर ही गलत होने का आरोप लगाते हैं।
पूरे मामले को लेकर डीआईजी कानपुर प्रितिंदर सिंह ने बताया कि थाना चकेरी पर अभियोग पंजीकृत है लड़की की बरामदगी के लिए सीओ कैट के निर्देशन में 4 टीमे गठित की गयी और चौकी इंचार्ज सनिगवां उ.नि। राजपाल सिंह को लाइन हाजिर कर विभागीय जांच के आदेश दिए गए।