लखीमपुर खीरी कांड में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे और इस मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा, आखिर आरोपी की जमानत क्यों न खत्म कर दी जाए? मामले की अगली सुनवाई होली की छुट्टी के बाद होगी।
प्रधान न्यायाधीश (CJI) एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने मामले में प्रमुख गवाहों में से एक पर हुए हमले की दलील पर गौर किया और उत्तर प्रदेश सरकार से गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के तीन सदस्यों ने आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की।
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इलाहाबाद हाई कोर्ट की एकल पीठ ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी। इससे पहले वह चार महीने तक हिरासत में रहा था। गौरतलब है कि किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था।
इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला, जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी। किसान नेताओं ने दावा किया है कि उस वाहन में आशीष मिश्रा थे, जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था। हालांकि, मिश्रा ने आरोपों को खारिज किया है।