लखनऊ :'आदित्य' योजना को संसद में रखने से पहले उसका प्रारूप सार्वजनिक करने की मांग की - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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लखनऊ :’आदित्य’ योजना को संसद में रखने से पहले उसका प्रारूप सार्वजनिक करने की मांग की

बिजलीकर्मियों के एक अखिल भारतीय संगठन ने रविवार को केन्द्र सरकार से विद्युत की आपूर्ति के निजीकरण सम्बन्धी योजना को संसद के बजट सत्र के दौरान विचार के लिये पेश करने से पहले उसके प्रारूप को सार्वजनिक करने की मांग की।

बिजलीकर्मियों के एक अखिल भारतीय संगठन ने रविवार को केन्द्र सरकार से विद्युत की आपूर्ति के निजीकरण सम्बन्धी योजना को संसद के बजट सत्र के दौरान विचार के लिये पेश करने से पहले उसके प्रारूप को सार्वजनिक करने की मांग की। ऑल इण्डिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन ने केंद्रीय विद्युत मंत्री आर. के. सिंह से मांग की है कि बिजली आपूर्ति के निजीकरण की “आदित्य” योजना संसद के बजट सत्र में रखने के पहले योजना का पूरा प्रारूप सार्वजनिक किया जाये और बिजली कर्मचारियों और उपभोक्ताओं से बातचीत की जाये। 
फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि गत नौ जनवरी को देश भर के बिजली मंत्रियों के सम्मलेन में कहा गया है कि विद्युत वितरण और आपूर्ति को अलग-अलग कर बिजली आपूर्ति को कई निजी फ्रेंचाइजी को सौंपा जायेगा। दुबे ने बताया कि आगामी एक अप्रैल से उदय योजना के स्थान पर लागू की जा रही “आदित्य” योजना के तहत पॉवर फाइनेंस कार्पोरेशन और अन्य केंद्रीय वित्तीय संस्थान सिर्फ उन्हीं राज्यों को मदद करेंगे जो विद्युत वितरण के नेटवर्क और विद्युत आपूर्ति को अलग अलग कर उसे पीपीपी मॉडल अथवा निजी फ्रेंचाइजी को सौंपने पर सहमति देंगे। 
उन्होंने कहा कि पूर्व में निजीकरण के दुष्परिणाम के चलते बिजली क्षेत्र की ढाई लाख करोड़ रुपये की सम्पत्तियां फंस गयी हैं, जिसका बोझ बैंकों को भुगतना पड़ रहा है। इसी विफल प्रयोग को बजट के जरिये सम्पूर्ण देश पर थोपने का क्या मतलब है? फेडरेशन ने आगाह किया है कि निजीकरण के नाम पर अगर कोई एकतरफा कार्रवाई की गई तो उसका पुरजोर राष्ट्रव्यापी विरोध किया जायेगा। 

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