निरंजनी अखाड़े के महंत आशीष गिरि ने रविवार की सुबह खुद को गोली मारकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। गिरि पिछले काफी समय से बीमार थे और अवसाद से ग्रस्त होने के कारण उन्होंने यह कठोर कदम उठाया। पुलिस अधीक्षक (नगर) बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि निरंजनी अखाड़े के महंत आशीष गिरि ने रविवार सुबह 8:30 से 9:00 बजे के बीच लाइसेंसी पिस्तौल से अपनी कनपटी पर गोली मार ली।
40 वर्षीय महंत आशीष गिरि की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पैथोलॉजी की विभिन्न रिपोर्ट से पता चला है कि उनका लीवर पूरी तरह से खराब हो गया था। प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला दिखता है। शव का पोस्टमार्टम कर उसे निरंजनी अखाड़ा के अधिकारियों को सौंप दिया गया है।
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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि महाराज ने बताया, “आशीष गिरि का किडनी और लीवर दोनों खराब हो गए थे। वह तनाव में थे। आज सुबह करीब नौ बजे उन्होंने मोरी गेट स्थित अपने आवास पर लाइसेंसी पिस्तौल से खुद को गोली मार ली।” उन्होंने बताया, “घटना की सूचना मिलते ही हम घटना स्थल पर गए और इसकी सूचना पुलिस की दी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराके शव हमें सौंप दिया है।”