महंत नृत्य गोपाल दास ने सोमवार को सीने में दर्द और सांस फूलने की शिकायत की, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल में रेफर कर दिया, जो अयोध्या में उनके साथ थे। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
82 वर्षीय संत, जो श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख हैं, जैसे ही उन्हें राज्य की राजधानी में लाया जाएगा, उनका कार्डियोलॉजी चेकअप होगा। वह अगस्त में कोरोना वायरस पॉजिटिव निकले थे और तब गुरुग्राम में अस्पताल में भर्ती कराए गए थे।
गौरतलब है कि महंत नृत्य गोपालदास को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का ‘‘अध्यक्ष प्रबंध’’, विहिप के चंपत राय को महासचिव एवं पूर्व वरिष्ठ नौकरशाह नृपेन्द्र मिश्रा को भवन निर्माण समिति का चेयरमैन बनाया गया था।
बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के विवादित बयान पर महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा था कि “भगवान राम चक्रवर्ती सम्राट थे। नेपाल सहित अनेक देश उनके संरक्षण में रहे। अयोध्या के संबंध नेपाल से त्रेता युग से हैं। आज भी अयोध्या से बरात जनकपुर जाती है। लाखों वर्ष पुरानी परंपरा चली आ रही है।”
उन्होंने कहा कि लाखों वर्ष पुरानी परंपरा और सनातनी व्यवस्था के खिलाफ बोलना उचित नहीं है। इसे रामभक्त बर्दाश्त करने वाले नहीं है। नेपाली प्रधानमंत्री का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्हें इस पर माफी मांगनी चाहिए। भगवान राम उन्हें सद्बुद्धी दे। अयोध्या तो वेद वर्णित है। इसका उल्लेख विदेशी ग्रन्थों में है। भगवान राम सर्व समाज के हैं। कण कण में व्याप्त है।