आँकड़े फिर गवाह हैं कि देश के करोड़ों श्रमिक संघषशील जीवन व मेहनत की रोटी खाने की परम्परा पर लगातार डटे हैं व खासकर यूपी व बिहार में घर लौटे प्रवासी श्रमिक मनरेगा के तहत श्रम करके परिवार का पेट जैसे-तैसे पाल रहे हैं। अतः केन्द्र व राज्य सरकारें उन्हें उचित अवसर जरूर प्रदान करें।
— Mayawati (@Mayawati) September 13, 2020
मायावती ने ट्वीट किया ‘‘ आंकड़े फिर गवाह हैं कि देश के करोड़ों श्रमिक संघर्षशील जीवन व मेहनत की रोटी खाने की परम्परा पर लगातार डटे हैं। खासकर यूपी व बिहार में घर लौटे प्रवासी श्रमिक मनरेगा के तहत श्रम करके परिवार का पेट जैसे-तैसे पाल रहे हैं। अत: केंद्र व राज्य सरकारें उन्हें उचित अवसर जरूर प्रदान करें।’’ एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार अब सरकारी नौकरी में बड़े बदलाव की तैयारी में हैं जिसके तहत नई नौकरी पाने वालों की पांच वर्ष तक संविदा पर तैनाती होगी। इन पांच वर्ष के दौरान भी हर वर्ष में छह-छह महीने में उनका मूल्यांकन होगा।