प्रवासी मजदूरों के मुड़े को लेकर विपक्षी लगातार उत्तर प्रदेश सरकार पर हमलावर है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने गुरूवार को राज्य के सभी प्रवासी मजदूरों के जल्द घर वापसी की मांग की है तथा कहा है कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव के लिये उन्हें ही दोषी ठहराया जाना गलत है।
यूपी में घर वापसी करने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों में से मात्र 3 प्रतिशत को ही कोरोना पीड़ित पाए जाने की खबर बड़ी राहत देने वाली है खासकर तब जब कोरोना के बढ़ते रोग के लिए इन्हें ही दोषी ठहराने का प्रयास है व इसी आशंका के तहत इन मजलूमों के घर वापसी में देरी की जा रही थी।
— Mayawati (@Mayawati) June 4, 2020
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि यूपी में घर वापसी करने वाले प्रवासी मजदूरों में मात्र तीन प्रतिशत के ही कोराेना पीड़ित पाये जाने की खबर राहत देने वाली है । खासकर तब जब कोरोना के बढ़ते रोग के लिये इन्हें ही दोषी ठहराये जाने का प्रयास किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि इसी आशंका के तहत इन मजलूमों के घर वापसी में देरी की जा रही है ।
उन्होंने कहा कि “ऐसे समय जबकि लाॅकडाउन के कारण बन्द पड़े उद्योगों को खोलने के लिए आर्थिक पैकेज आदि सरकारी मदद देने की बात की जा रही है जबकि यूपी के गाजियाबाद स्थित एटलस जैसी प्रमुख साइकिल फैक्ट्री के धन अभाव में बन्द होने की खबर चिन्ताओं को बढ़ाने वाली है। सरकार तुरन्त ध्यान दे तो बेहतर है।”
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वहीं इससे पहले मायावती ने श्रमिको को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिये जाने की वकालत करते हुए कहा एमओयू केवल जनता को वरगलाने व फोटो के लिए नहीं होने चाहिए। मायावती ने रविवार को एक के बाद एक किए गए ट्वीट में कहा, “चीन छोड़कर भारत आने वाली कम्पनियों की प्रतीक्षा के बजाय केन्द्र और यूपी सरकार को अपने बूते आत्मनिर्भर बनने का प्रयास शुरू करना चाहिए, क्योंकि शेनजेन आर्थिक क्षेत्र जैसी सड़क, पानी, बिजली आदि की मुफ्त आधारभूत सुविधा और श्रमिकों को कार्यस्थल के पास रहने की व्यवस्था आदि यहां कहां हैं? ”