बीएसपी प्रमुख मायावती रविवार को अपने जन्मदिन पर लखनऊ स्थित पार्टी दफ्तर पहुंची। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया। उन्होंने पहले ईवीएम पर सवाल उठाए, फिर लोकसभा चुनाव में गठबंधन की अटकलों पर जवाब दिया और इसके बाद बसपा के घटनते जनाधार पर भी बोलीं।
सीटों की संख्या पर प्रभाव पड़ा- मायावती
बीएसपी प्रमुख ने कहा, “जब तक चुनाव बैलेट पेपर पर होते रहे तब तक बसपा के न वोट प्रतिश्त और न ही जनाधार कम हुआ है और हमारी सीटें भी बढ़ी हैं। लेकिन जब से ईवीएम से चुनाव हुए तब से हमारे वोट प्रतिश्त और हमारी सीटों की संख्या पर प्रभाव पड़ा है।
BSP का जनाधार कम नहीं हुआ
मायावती ने कहा, “BSP का जनाधार कम नहीं हुआ है। मुझे लगता है कि ईवीएम में कुछ गडबड़ी है। अगर ऐसा नहीं है तो केंद्र सरकार और मुख्य चुनाव आयोग सामने आएं और बैलेट पेपर पर चुनाव कराएं, इससे मालूम पड़ जाएगा कि उनके साथ कितना वोट है और हमारे साथ कितना है।
गठबंधनों की अटकलों पर जवाब
बीएसपी चीफ ने आगामी चुनाव से पहले अन्य पार्टियों के साथ चल रही गठबंधन की अटकलों पर पूरी तरह विराम लगा दिया। उन्होंने कहा, “आगे होने वाले राज्यों के विधान सभा और अगले वर्ष देश में होने वाले लोकसभा के लिए आम चुनाव में हमारी पार्टी किसी भी अन्य पार्टी के साथ कोई भी गठबंधन कर चुनाव नहीं लड़ेगी।”
जनता में किस्म-किस्म की आशंकाएं व्याप्त
इसके अलावा मायावती ने ईवीएम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीएसपी प्रमुख ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों से देश में EVM के जरिए चुनाव कराने को लेकर यहां की जनता में किस्म-किस्म की आशंकाएं व्याप्त हैं। इसे दूर व खत्म करने के लिए अब यहां आगे सारे छोटे-बड़े चुनाव पूर्व की तरह बैलेट पेपर पर कराए जाएं।”
इससे पहले शनिवार को बीएसपी ने मायावती के जन्मदिन को जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाने का एलान किया था। ये दिवस अति गरीबों, मजलूमों, असहायों और अन्य अति जरूरतमंद लोगों की विभिन्न रुप में मदद करके मनाए जाने की बात कही गई थी।