गाजियाबाद में पत्रकार की हत्या के मामले में मीडिया संगठनों एकजुट, न्यायिक जांच की मांग की - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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गाजियाबाद में पत्रकार की हत्या के मामले में मीडिया संगठनों एकजुट, न्यायिक जांच की मांग की

मीडिया संगठनों ने गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी पर हमले की बुधवार को निंदा की जिनकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। मीडिया संगठनों ने इस मामले के साथ ही उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर हमले की अन्य घटनाओं की भी एक न्यायिक जांच की मांग की।

मीडिया संगठनों ने गाजियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी पर हमले की बुधवार को निंदा की जिनकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। मीडिया संगठनों ने इस मामले के साथ ही उत्तर प्रदेश में पत्रकारों पर हमले की अन्य घटनाओं की भी एक न्यायिक जांच की मांग की। 
प्रेस एसोसिएशन और इंडियन वीमेंस प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने कहा कि पत्रकारों पर हमला, विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश में हाल के समय में बढ़ा है। प्रेस एसोसिएशन और आईडब्ल्यूपीसी ने मांग की कि उत्तर प्रदेश सरकार जोशी के अलावा राज्य में अन्य पत्रकारों पर हमले के सभी दोषियों को कानून के शिकंजे में लाए। 
जोशी को कुछ बदमाशों ने सिर में गोली मार दी थी और उनकी बुधवार तड़के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। अधिकारियों के अनुसार जोशी ने 16 जुलाई को अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्हें गाजियाबाद के विजय नगर इलाके में उनके घर के पास सोमवार रात करीब साढ़े 10 बजे गोली मारी गई थी। प्रेस एसोसिएशन और आईडब्ल्यूपीसी ने जोशी पर ‘‘नृशंस हमले’’ की निंदा की। 
प्रेस एसोसिएशन और आईडब्ल्यूपीसी ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘हम देख रहे हैं कि पत्रकारों पर हमला, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, हाल के दिनों में बढ़ा है। साथ ही, कई मामलों में राज्य सरकार द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।’’ 
बयान में कहा गया, ‘‘हम मांग करते हैं कि राज्य सरकार एक विशेष अभियान चलाकर इस मामले के साथ ही पिछले मामलों के सभी दोषियों को कानून के शिकंजे में लाये।’’ दोनों मीडिया संगठनों ने साथ ही जोशी के शोक संतप्त परिवार के लिए पर्याप्त वित्तीय मदद की भी मांग की। 
बयान में कहा गया है कि अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि उत्तर प्रदेश में पीड़ितों के परिजनों पर जानलेवा हमलों के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए, राज्य सरकार को जोशी के परिवार के सदस्यों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। बयान में कहा गया है कि इस घटना के साथ ही पत्रकारों पर हमले की पूर्व की घटनाओं की एक उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए। 
प्रेस एसोसिएशन और आईडब्ल्यूपीसी ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और पत्रकार के परिवार द्वारा पुलिस पर कथित निष्क्रियता के आरोप लगाये जाने के बाद विभागीय जांच शुरू करते हुए थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। लेकिन सच को सामने लाने और अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाने के लिए यह पर्याप्त नहीं हैं।’’ 

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