लव जिहाद के खिलाफ योगी सरकार के अध्यादेश पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने दी सतर्क प्रतिक्रिया - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

लव जिहाद के खिलाफ योगी सरकार के अध्यादेश पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने दी सतर्क प्रतिक्रिया

मुस्लिम धर्मगुरुओं का कहना है कि इस कानून पर कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि इस्लाम में पहले से ही जबरन धर्मांतरण की मनाही है।

उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश को मिली मंजूरी पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अपनी प्रतिक्रिया सामने रखी। धर्मगुरुओं का कहना है कि इस कानून पर कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि इस्लाम में पहले से ही जबरन धर्मांतरण की मनाही है। हालांकि, उनका यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि संविधान में मिली धार्मिक आजादी के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं हो। 
योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020′ को मंजूरी दी गयी। इस अध्यादेश के तहत ऐसे धर्म परिवर्तन को अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा जो छल, कपट, प्रलोभन, बलपूर्वक या गलत तरीके से प्रभाव, विवाह या किसी कपट रीति से एक धर्म के व्यक्ति को दूसरे धर्म में लाने के लिए किया जा रहा हो। इसे गैर जमानती संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखने और उससे संबंधित मुकदमे को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में विचारणीय बनाए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। 

लव जिहाद के खिलाफ UP सरकार के फैसले का अनिल विज ने किया स्वागत, बोले-योगी जिंदाबाद

ईदगाह के इमाम और काजी शहर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बुधवार को कहा कि ”जबरन धर्मातंरण की इस्लाम में बिल्कुल भी इजाजत नहीं है। शरीयत में किसी भी चीज की लालच देकर या डरा धमका कर मजहब तब्दील कराना बड़ा जुर्म करार दिया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अध्यादेश में एक बात अच्छी है कि इसमें ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है।’’ 
उन्होंने कहा ”कानून बनाने का यही मकसद होता है कि किसी के साथ कोई भेदभाव न हो। हम यह उम्मीद करते है कि इस कानून के जरिये भी किसी के साथ कोई नाइंसाफी नहीं की जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ उच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर लड़का और लड़की बालिग हैं तो उन पर कोई भी बंदिश नहीं लगायी जा सकती है। इस दृष्टि से जो कानून के जानकार हैं उनको यह देखना होगा कि इस कानून के जरिये से जो संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है उस पर तो कोई सवालिया निशान नहीं लग रहा है।’’ 
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि कोई भी मजहब जबरन धर्मातंरण करवाना पसंद नही करता है, इस्लाम में तो यह बिल्कुल जायज ही नहीं है। इस्लाम में जबरदस्ती, लालच देकर, धोखे से धर्म परिवर्तन बिल्कुल जायज नहीं है।’’ जिलानी ने कहा, अगर दो वयस्क शादी करते हैं और वे अलग-अलग जाति, धर्म या यहां तक कि अलग-अलग देश के होते हैं तो भी यह उनका निजी मामला है। 
ऑल इंडिया वुमन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने कहा कि ऐसे कानून की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा, अगर कोई झूठ के आधार पर शादी करता है और जबरन धर्मांतरण कराता है तो उसके लिए सख्त कानून होना चाहिए और हमारे पास पहले से ही ऐसे कानून है। ऐसे में नए कानून की जरूरत नहीं थी।’’ अम्बर ने कहा कि अगर सरकार ने नया कानून लाने का फैसला किया है तो उसे यह भी सुनिश्चित करना चाहिए लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी को नुकसान नहीं पहुंचे। 
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने अध्यादेश का स्वागत करते हुये कहा है कि इस नये कानून से हम उन लोगो को सामने ला सकेंगे जो धर्मांतरण के गंदे काम में लगे हैं। उन्होंने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए लाए गए अध्यादेश को जनहित का कानून करार दिया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी जिसमें विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

thirteen + four =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।