राष्ट्रीय महिला आयोग ने प्रोफेसर का निलंबन निरस्त करने के मामले में BHU से मांगी रिपोर्ट - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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राष्ट्रीय महिला आयोग ने प्रोफेसर का निलंबन निरस्त करने के मामले में BHU से मांगी रिपोर्ट

विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने चौबे के मामले को कार्यकारी परिषद को वापस भेज दिया है, ताकि उनका निलंबन जो वापस लिया गया है, उस पर फिर से विचार किया जा सके।

यौन उत्पीड़न के मामले में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के एक प्रोफेसर के निलंबन को रद्द किए जाने को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने बीएचयू के कुलपति से रिपोर्ट तलब की है। महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सोमवार को बीएचयू के कुलपति राकेश भटनागर को लिखे पत्र में कहा कि वह इस मामले की रिपोर्ट दें। 
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय इस मामले में अपने आंतरिक शिकायत समिति की रिपोर्ट भी आयोग को मुहैया कराए। गौरतलब है की छात्राओं के खिलाफ शर्मसार और भद्दी टिप्पणियां करने के दोषी पाए जाने के बाद निलंबित किए गए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रोफेसर एस. के. चौबे की बहाली के खिलाफ छात्राओं के प्रदर्शन के बाद उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है। 
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बीएचयू के एक प्रवक्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर की तरफ से रविवार रात जारी यह आदेश यौन उत्पीड़न पर लगाम लगाने के लिए है। विश्वविद्यालय ने सभी विभागों को फिर से दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने चौबे के मामले को कार्यकारी परिषद को वापस भेज दिया है, ताकि उनका निलंबन जो वापस लिया गया है, उस पर फिर से विचार किया जा सके। हालांकि, कुलपति के आदेश के बावजूद परिसर में विरोध प्रदर्शन जारी है। 
यह मामला तब सामने आया, जब कुछ छात्राओं ने शिकायत की कि अक्टूबर 2018 में पुणे दौरे के दौरान चौबे ने कुछ लड़कियों पर आपत्तिजनक और भद्दी टिप्पणियां की थीं। छात्राओं ने दौरे से लौटने के बाद प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलने के बाद, कुलपति ने चौबे को निलंबित कर दिया और मामला आंतरिक शिकायत समिति के पास भेज दिया। 
इस जून में कार्यकारी परिषद ने चौबे को बहाल करने और उनके निलंबन को रद्द करने का फैसला किया। फैसले के बाद, प्रोफेसर ने अगस्त में कक्षाएं लेनी शुरू कर दी। हालांकि, इस निर्णय का उन छात्राओं ने विरोध किया, जिनका मानना है कि चौबे को छेड़खानी के लिए दंडित किए जाने की जरूरत है। 

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